साहित्य के नोबेल का ऐलान आज:भारतीय मूल के सलमान रुश्दी और जापानी लेखक मुराकामी रेस में; विजेता को ₹10 करोड़ मिलेंगे

स्वीडन की स्वीडिश एकेडमी आज साहित्य के नोबेल का ऐलान करेगी। इन पुरस्कारों की घोषणा शाम 4:30 बजे होगी। यह अवॉर्ड उन लेखकों को मिलता है, जिन्होंने शानदार किताबें या कविताएं लिखकर साहित्य में खास योगदान दिया हो।

विजेता को 11 मिलियन स्वीडिश क्रोना (10.3 करोड़ रुपए), सोने का मेडल और सर्टिफिकेट मिलेगा। अगर एक से ज्यादा वैज्ञानिक जीतते हैं, तो यह प्राइज मनी उनके बीच बंट जाती है। पुरस्कार 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में दिए जाएंगे।

द गार्डियन ने बेटिंग कंपनी लैडब्रोक्स के हवाले से 5 लोगों को इस पुरस्कार का सबसे बड़ा दावेदार बताया है।

  1. हुरुकी मुराकामी (जापान): ये जादुई कहानियां लिखते हैं, जैसे ‘काफ्का ऑन द शोर’। मुराकामी लंबे वक्त से नोबेल की रेस में हैं।
  2. सलमान रुश्दी (ब्रिटेन/भारत): ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रन’ के लिए मशहूर। भारतीय मूल के लेखक के तौर पर बड़ा नाम है।
  3. कैन शुए (चीन): ये अनोखी और नई तरह की कहानियां लिखती हैं। इनकी किताब ‘लव इन द न्यू मिलेनियम’ को 2019 में मैन बुकर इंटरनेशनल प्राइज के लिए नॉमिनेट किया गया था।
  4. लास्जलो क्रास्नाहोरकाई (हंगरी): ये डीप थिंकिंग वाली उदास कहानियां लिखते हैं। उनकी किताबें ‘सैटानटैंगो’ और ‘द मेलांकली ऑफ रेसिस्टेंस’ पर फिल्में बन चुकी हैं।
  5. मार्गरेट एटवुड (कनाडा): ‘द हैंडमेड्स टेल’ जैसी मशहूर किताब लिखी। सामाजिक मुद्दों पर लिखती हैं।

पिछले साल कैन शुए सबसे आगे थीं

लैडब्रोक्स से जुड़े एलेक्स अपति ने गार्डियन से कहा कि इस बार रेस टक्कर की है। पिछले साल कैन शुए सबसे आगे थीं। हालांकि दक्षिण कोरिया की हॉन्गकॉन्ग को ‘द वेजिटेरियन’ और ‘ह्यूमन एक्ट्स’ किताब के लिए यह पुरस्कार मिला था।

कैसे होगा ऐलान?

  • स्वीडिश एकेडमी स्टॉकहोम में नोबेल एकेडमी के सेशन हॉल में होगी विजेताओं के नाम कर ऐलान करेगी।
  • एकेडमी अधिकारी विजेताओं के नाम, उनकी रचना और उसकी खासियत बताते हैं।
  • इसे nobelprize.org की वेबसाइट, यूट्यूब या सोशल मीडिया पर लाइव देखा जा सकेगा।

1895 में हुई थी नोबेल पुरस्कार की स्थापना

नोबेल पुरस्कारों की स्थापना 1895 में हुई थी और पुरस्कार 1901 में मिला। 1901 से 2024 तक साहित्य की फील्ड में 121 लोगों को सम्मानित किया जा चुका है।

इन पुरस्कारों को वैज्ञानिक और इन्वेंटर अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल की वसीयत के आधार पर दिया जाता है। शुरुआत में केवल फिजिक्स, मेडिसिन, केमिस्ट्री, साहित्य और शांति के क्षेत्र में ही नोबेल दिया जाता था। बाद में इकोनॉमिक्स के क्षेत्र में भी नोबेल दिया जाने लगा।

नोबेल प्राइज वेबसाइट के मुताबिक उनकी ओर से किसी भी फील्ड में नोबेल के लिए नॉमिनेट होने वाले लोगों के नाम अगले 50 साल तक उजागर नहीं किए जाते हैं।

टैगोर एशिया के पहले लेखक जिन्हें नोबेल मिला

रविंद्रनाथ टैगोर एशिया के पहले ऐसे लेखक थे, जिन्हें साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला। यह सम्मान उन्हें 1913 में उनकी मशहूर किताब गीतांजलि के लिए दिया गया था।

यह किताब कविताओं का संग्रह है, जिसमें टैगोर ने जीवन, प्रकृति और ईश्वर के प्रति अपनी गहरी भावनाओं को आसान और सुंदर शब्दों में लिखा है।

यह पहली बार था जब किसी गैर-यूरोपीय को साहित्य का नोबेल मिला था। स्वीडिश एकेडमी ने उनकी रचनाओं को गहरी भावनाओं और सुंदर भाषा वाला बताया था।

2024 में दक्षिण कोरिया की लेखिका को मिला था नोबेल

पिछले साल यानी 2024 में साहित्य का नोबेल दक्षिण कोरिया की लेखिका हान कांग को मिला। उनकी किताबें बहुत खास हैं क्योंकि वे इतिहास के दुखद पलों को और इंसान की नाजुक जिंदगी को आसान लेकिन गहरे शब्दों में बताती हैं।

स्वीडिश एकेडमी ने कहा कि उनकी लेखनी कविता की तरह है, जो दिल को छू जाती है। हान कांग यह पुरस्कार जीतने वाली पहली दक्षिण कोरियाई लेखिका बनीं। यह ऐलान 10 अक्टूबर 2024 को हुआ था।

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