हरियाणा में इनेलो सुप्रीमो अभय चौटाला और पूर्व बिजली मंत्री रणजीत सिंह के बयान के बाद चौटाला परिवार के एकजुट होने की अटकलें खत्म हो गई है। अभय चौटाला ने साफ कर दिया है कि वो न बीजेपी, न कांग्रेस और न ही जजपा के साथ जाएंगे, अपने और लोगों के दम पर सरकार बनाएंगे। अभय ने रणजीत सिंह को अपना नेता न मानने की बात भी कही। इस पर रणजीत सिंह ने पलटवार करते हुए सफाई भी दी है।
पूर्व मंत्री रणजीत सिंह ने कहा कि पूरी भारत सरकार चली गई और फिर भी मुझे ये (अभय) कहता है कि पीठ में छुरा मारा है। महम कांड से ये सारी घटना हुई है। हमें अफसोस है कि जिस आदमी को राजनीति नहीं आती, वो ऐसी बातें करता है। जहां भी समाज या जनभावना कद्र करता है, वहां समझना चाहिए। अभय को पहले तहजीब सीखनी चाहिए। इसके बाद लोगों से बात करनी चाहिए।
मैं लोगों की भावनाओं को समझता हूं-रणजीत
रणजीत चौटाला ने परिवार को एकजुट करने की कोशिश के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि यह लोगों की भावनाएं थी। मीडिया ने मुझसे पूछा तो मैंने बता दिया। लोगों की भावनाएं थी कि परिवार इकट्ठा हो रहा है। मैंने यहीं कहा था कि बड़ा टफ मामला है, पर मैं लोगों की भावनाओं को समझता हूं। चौ. देवीलाल परिवार सारा इकट्ठा है, तो एक बहुत बड़ी स्ट्रेंथ है, ये बात मैंने कही थी।
परिवार इकट्ठा हो जाए, तो एकतरफा माहौल
वहीं, कुछ दिन पहले ताऊ देवीलाल के बेटे एवं पूर्व मंत्री रणजीत सिंह ने मीडिया को बयान दिया था कि चौ. देवीलाल का बहुत बड़ा वोट बैंक है। अगर पूरा परिवार इकट्ठा हो जाए, तो एकतरफा माहौल होगा। वरना इनेलो और जजपा का किसी का भविष्य नहीं है। पहले जजपा ने 10 सीटें जीती थी, पर अब एक भी नहीं आई। इनेलो की पहले एक सीट थी और अब दो आई है। इकट्ठा न हुए तो ऐसे ही चलेगा।
रणजीत सिंह परिवार के मुखिया-अजय चौटाला
रणजीत सिंह के बयान के बाद जजपा सुप्रीमो अजय चौटाला ने कहा था कि रणजीत सिंह हमसे बड़े है और वह हमारे परिवार के मुखिया है। वह जैसा चाहेंगे, हम उनके साथ है। पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने भी मीडिया को दिए बयान में यहीं कहा था कि परिवार में बड़ों की बात को मानना पड़ता है। उनकी नहीं मानेंगे, तो किसकी मानें। हर कोई उनकी बात को मानता है।
बाद में यह भी कहा कि 2018 में जिन्होंने पार्टी से निष्कासित कर दिया था, उनके साथ वापस जाने का औचित्य नहीं बनता।
अभय चौटाला के बयान ने किया हैरान
रणजीत सिंह और अजय चौटाला का बयान काफी दिन राजनीतिक चर्चाओं का विषय बना रहा। लोगों में यह उम्मीद बन गई थी कि चौटाला परिवार एकजुट होगा। मगर तीन दिन पहले रोहतक में इनेलो सुप्रीमो अभय चौटाला द्वारा दिए बयान ने सभी को हैरान कर दिया। इससे ताऊ देवीलाल के समर्थकों को गहरा झटका लगा।
शुक्रवार को रणजीत सिंह के आवास पर भी कार्यकर्ताओं में यहीं जिक्र था कि परिवार एक होना चाहिए।