हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर भाजपा अपनी रणनीति तैयार करेगी। इसके लिए पार्टी ने आज विधायक दल की बैठक बुला ली है। बैठक में मुख्यमंत्री नायब सैनी, सभी कैबिनेट मंत्री और विधायक मौजूद रहेंगे।
बैठक में खास तौर पर यह मंथन होगा कि विधानसभा में विपक्ष के हमलों से कैसे निपटा जाए। भिवानी में मनीषा केस जैसे संवेदनशील मुद्दों पर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश कर सकता है। ऐसे मामलों में सरकार कानून व्यवस्था और अन्य रणनीतियों पर प्लानिंग करेगी। हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र 22 अगस्त से शुरू हो रहा है।
22 को बीएसी की मीटिंग
हरियाणा विधानसभा मानसून सेशन को लेकर 22 अगस्त को बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की मीटिंग बुलाई गई है। सुबह 11:00 बजे विधानसभा सचिवालय में ये मीटिंग शुरू होगी। इस मीटिंग में सीएम नायब सैनी, स्पीकर हरविंदर कल्याण सहित बीएसी के मेंबर शामिल होंगे। इसमें तय होगा कि सेशन कितने दिन चलेगा। सदन में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस है, इसलिए कांग्रेस की ओर से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा बीएसी की मीटिंग में शामिल होंगे।
दो बजे से शुरू होगा सेशन
राज्य के नव नियुक्त राज्यपाल प्रो. असीम घोष 22 अगस्त को दोपहर दो बजे से विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत करेंगे। पहले सत्र 11 बजे से आरंभ होना था, लेकिन विधानसभा की वर्कशॉप में आए सुझाव के आधार पर स्पीकर हरविन्द्र कल्याण एक दिन में एक ही सत्र आयोजित करने का फैसला लिया।
अभी तक विधानसभा के एक दिन में लंबे-लंबे सत्र चलते हैं, जिससे बाद वाले सत्रों की उपयोगिता पर इसलिए सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि उस समय विधायकों व अधिकारियों की कम उपलब्धता रह जाती है।
26 अगस्त तक चलने की संभावना
विधानसभा का मानसून सत्र 26 अगस्त तक चलने की संभावना है, लेकिन इसकी वास्तविक अवधि 22 अगस्त को सत्र से पहले होने वाली बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में तय होगी। 23 व 24 अगस्त को शनिवार व रविवार का अवकाश है।
विपक्ष ने अगर दबाव बनाया तो सत्र की अवधि 27 अगस्त तक निर्धारित की जा सकती है।विधानसभा सचिवालय की ओर से विधायकों से पूछे जाने वाले सवाल मांग लिए गए हैं। सत्र में किस विधायक का सवाल पूछा जाएगा, इसके लिए लाटरी सिस्टम से नाम तय किए जाने बाकी हैं।
इन मुद्दों को लेकर हमलावर रहेगा विपक्ष
विधानसभा में कांग्रेस ने कानून व्यवस्था, राज्य में जल भराव, गुरुग्राम व जींद जैसे शहरों से कई-कई घंटों के बाद भी पानी की निकासी नहीं होना तथा खाद, बिजली और बीज की कमी के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी है।हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ऐसे संकेत दिए हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अपनी कैबिनेट के मंत्रियों और विभागीय अधिकारियों के साथ विपक्ष के हर वार को फेल करने के लिए योजना बना रहे हैं।