हरियाणा में प्राइवेट अस्पतालों की हड़ताल दूसरे दिन जारी:500 करोड़ बकाया, सरकार ने 245 करोड़ किए जारी, पेमेंट के लिए ‘पहले आओ-पहले पाओ’ योजना

हरियाणा में प्राइवेट अस्पतालों की हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी है। ये हड़ताल आयुष्मान कार्ड धारकों के इलाज के करीब 500 करोड़ रुपए बकाया होने के विरोध में की जा रही है।

सरकार ने इस बीच 245 करोड़ रुपए जारी कर दिए हैं और भुगतान के लिए “पहले आओ, पहले पाओ” योजना लागू की है। हड़ताल को लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी भी अलर्ट हैं और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दे चुके हैं।

इसके बाद हेल्थ डिपार्टमेंट लगातार इलाज के वैकल्पिक इंतजाम में जुटा है। विभाग के उच्चाधिकारियों ने सभी जिलों के सिविल अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि मरीजों को हर जरूरी स्वास्थ्य सेवा समय पर मिलनी चाहिए।

28 जुलाई को IMA ने लेटर जारी किया

हरियाणा स्वास्थ्य एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) द्वारा 28 जुलाई को लेटर जारी किया था। जिसमें आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के बकाया भुगतानों का हवाला देते हुए 7 अगस्त से योजना के तहत सेवाओं को रोकने की बात कही गई थी। इस संदर्भ में एसएचए ने कहा है कि सरकार की तरफ से 4 अगस्त को बजट प्राप्त हो गया है। उसके अनुसार अब चैनलबद्ध अस्पतालों को भुगतान किया जा रहा है।

हर रोज 1000 लोग कराते हैं इलाज

आयुष्मान योजना के तहत सरकार पर बकाए को लेकर प्राइवेट अस्पताल मरीजों का रजिस्ट्रेशन नहीं कर रहे हैं। अस्पतालों की हड़ताल के कारण अब तक 400 से अधिक मरीजों का ऑपरेशन नहीं हो पाया है। आईएमए के हरियाणा प्रधान एमपी जैन ने बताया कि सूबे के प्राइवेट अस्पतालों में आयुष्मान योजना के तहत हर रोज 1000 से अधिक लोग अपना इलाज कराने के लिए आते हैं, लेकिन हड़ताल के कारण अब ऐसे मरीजों का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा रहा है। जब तक सरकार हमारी बकाया राशि जारी नहीं करेगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी।

29 हजार करोड़ रुपए दे चुकी सरकार

स्वास्थ्य विभाग ने मई 2025 के पहले सप्ताह तक पैनल बद्ध अस्पतालों द्वारा प्रस्तुत दावों का निपटान और भुगतान कर दिया है। योजना की शुरुआत से अब तक अस्पतालों को कुल 2900 करोड़ रुपए वितरित किए जा चुके हैं। वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान 16 जुलाई 2025 तक राज्य और केंद्र सरकारों से 240.63 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हो चुकी है। पात्र दावों के निपटान के लिए इसका पूर्ण उपयोग किया जा चुका है।

यहां पढ़िए प्राइवेट अस्पताल के दावों का कैसे होता है निपटान..

1. 50 डॉक्टरों की टीम करती है दावों का निपटान

पैनलबद्ध अस्पतालों द्वारा प्रस्तुत दावों का निपटान एनएचए के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से 50 डॉक्टरों की टीम द्वारा किया जाता है। सभी कटौतियां एनएचए के दिशा निर्देशों के अनुसार सख्ती से की जाती हैं। कटौती केवल तभी की जाती है, जब पर्याप्त नैदानिक औचित्य या दस्तावेजीकरण का अभाव हो।

किसी भी अस्वीकृति या कटौती से पहले, अस्पतालों को आवश्यक सहायक दस्तावेज वाइटल चार्ट, नैदानिक चित्र, ओटी नोट्स और परीक्षण रिपोर्ट अपलोड करने का अवसर दिया जाता है।

2. अस्पतालों को आपत्ति दायर करने का अधिकार

कोई अस्पताल किसी कटौती से असहमत है तो वह पोर्टल के माध्यम से अपील दायर कर सकता है। इन अपीलों की समीक्षा एक निर्दिष्ट चिकित्सा लेखा परीक्षा समिति द्वारा की जाती है। एसएचए ने भुगतान में देरी, दावा अस्वीकृति और दालों का प्रसंस्करण न करने संबंधी अस्पतालों द्वारा उठाई गई शिकायतों का संज्ञान भी लिया है।

अब तक पैनल में शामिल अस्पतालों की 400 से अधिक शिकायतों को औपचारिक रूप से सीजीआरएमएस 2.0 पोर्टल के माध्यम से पंजीकृत किया जा चुका है। प्लेटफॉर्म का प्रभावी ढंग से उपयोग करने में अस्पतालों का समर्थन करने के प्रयास में एसएचए ने अस्पताल प्रतिनिधियों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए हैं।

1.2 करोड़ लोग ले रहे लाभ

हरियाणा में लगभग 1,300 अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध हैं और इनमें से 600 के करीब निजी अस्पताल हैं। राज्य में करीब 1.33 करोड़ लोग इस योजना के तहत पंजीकृत हैं, जिसे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 2018 में हर परिवार को एक साल में 5 लाख रुपए तक की मुफ्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए शुरू किया था।

इस योजना में नियमित जांच से लेकर सर्जरी तक सब कुछ शामिल है, जिसका लाभ 2.5 लाख रुपए से कम वार्षिक आय वाले परिवार और अन्य मानदंडों के साथ बुजुर्ग उठा सकते हैं।

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