हरियाणा में 27 सितंबर तक लोगों को गर्मी का सितम झेलना पड़ेगा, लेकिन इसके बाद मौसम में बदलाव होगा और पहाड़ों की तरफ से हवाएं चलेंगी। इससे दिन का तापमान 3 डिग्री तक नीचे आने संभावना है, जिससे गर्मी से राहत मिलेगी और रात का तापमान गिरने से हल्की ठंड महसूस की जा सकेगी। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इस बार मानसून में औसत से ज्यादा बारिश होने के कारण समय से पहले ठंड महसूस की जा सकती है।
हिसार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के मौसम विभाग अध्यक्ष डॉ. मदनलाल खीचड़ ने बताया कि 28 सितंबर की रात से बंगाल की खाड़ी और राजस्थान के ऊपर एक एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने की संभावना है।
हालांकि इस साइक्लोनिक सर्कुलेशन का ज्यादा असर उत्तर प्रदेश में देखने को मिलेगा और हरियाणा तथा पंजाब पर कम असर होगा। लेकिन मौसम में परिवर्तन देखने को मिलेगा। जो हवाएं अब पश्चिमी चल रही हैं, वह उत्तर पश्चिमी हो जाएंगी। उत्तरी पहाड़ों की तरफ से हवाएं चलेंगी तो तापमान कम होगा। यह तापमान सरसों की बिजाई के अनुकूल हो जाएगा।
इस बार पाला पड़ने की कम संभावना
डॉ. मदन खीचड़ ने सर्दी को लेकर बताया कि जब बारिश सामान्य से ज्यादा होती है तो सूखी सर्दी या पाला पड़ने की संभावना बहुत कम है। इस बार सामान्य से 38 प्रतिशत ज्यादा बारिश हरियाणा में दर्ज की गई है।
सामान्य से 38 प्रतिशत ज्यादा हुई बारिश
एक जून से 24 सितंबर तक प्रदेश में औसतन 413.7 एमएम बारिश होनी चाहिए थी लेकिन अब तक 568.4 एमएम बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 38 प्रतिशत ज्यादा है। सबसे ज्यादा बारिश यमुनानगर में 1116.9 एमएम दर्ज की गई है जबकि सबसे कम बारिश सिरसा में 346.6 एमएम दर्ज की गई है।
नूंह रहा सबसे गर्म
वहीं, अब दिन-प्रतिदिन रात के तापमान में असर देखने को मिल रहा है। रात का तापमान गिरने लगा है। वीरवार को दिन में प्रदेश में सबसे ज्यादा तापमान नूंह में 37.1 डिग्री दर्ज किया गया जबकि सबसे कम तापमान पानीपत के उझा क्षेत्र में 32.3 डिग्री दर्ज किया गया।