भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ इंडियन प्रीमियर लीग यानी आइपीएल के 14वें सीजन के बाकी बचे 31 मैचों का आयोजन संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई के तीन स्टेडियम में करना चाहती है। अगर ऐसा होता है तो फिर टी20 विश्व कप का आयोजन बीसीसीआइ को भारत में ही कराना होगा। इसके पीछे का कारण ये है कि यूएई में सिर्फ तीन ही स्टेडियम हैं और लगातार मैचों का आयोजन वहां किया नहीं जा सकता है।
दरअसल, पाकिस्तान सुपर लीग यानी पीएसएल के बाकी बचे 20 मैच अबू धाबी में खेले जाने हैं। अगर सब कुछ ठीक रहता है तो फिर आइपीएल के 31 मैच भी यूएई के दुबई, शारजाह और अबू धाबी में खेले जाएंगे। इस तरह तीन मैदानों पर कुल 51 मैच खेले जाएंगे। साथ ही साथ अगर टी20 विश्व कप भारत से शिफ्ट होकर यूएई में होता है तो 45 मैच टी20 विश्व कप के होंगे। इस तरह तीन मैदानों पर लगातार 96 मैचों का आयोजन सफलतापूर्वक होना असंभव है।
बीसीसीआइ की नजर में भले ही पीएसएल के 20 मैच न हों, लेकिन सितंबर-अक्टूबर में आइपीएल 2021 के 31 मैच और फिर टी20 विश्व कप के 45 मैच जरूर ध्यान में होंगे। 76 मैच तीन मैदानों पर तीन महीने की समय में संभव हैं, लेकिन पिच और ग्राउंड को मैचों के लिए इतनी जल्दी तैयार कर पाना बहुत मुश्किल काम है। अगर ऐसा होता है तो पिच लगातार धीमे होते चले जाएंगे और मैचों में कोई रोमांच देखने को नहीं मिलेगा। ऐसा ही आइपीएल 2020 के दौरान हुआ था।
शारजाह के छोटे ग्राउंड पर हुए शुरुआती मैचों को छोड़ दें तो बहुत कम मैचों में 200 या इससे ज्यादा का स्कोर बना था। ऐसे में अगर टी20 विश्व कप में लो स्कोरिंग मैच देखने को मिले तो घर पर बैठकर मैच देखने वाले दर्शकों को अच्छा नहीं लगेगा। यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद यानी आइसीसी भी नहीं चहेगा कि इतने कम समय में इतने ज्यादा मैच सिर्फ तीन स्थानों पर ही खेले जाएं। ऐसे में बीसीसीआइ को भारत में ही टूर्नामेंट की मेजबानी करने पर विचार करना होगा।