Kherki Daula Toll Plaza: 80,000 वाहन चालकों के लिए अच्छी खबर पढ़िये- क्यों खेड़कीदौला प्लाजा पर नहीं दिखेगा जाम

आने वाले दिनों में खेड़कीदौला टोल प्लाजा की तस्वीर बदली हुई दिखाई देगी। खासकर जाम का झाम नहीं दिखाई देगा। ऐसा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के नए दिशा-निर्देश के लागू होने से होगा। नए दिशा-निर्देश के मुताबिक 100 मीटर से आगे वाहनों की लाइन पहुंचते ही संबंधित लेन को फ्री करना होगा। तब तक फ्री करना होगा जब तक वाहनों की लाइन 100 मीटर के भीतर नहीं आ जाती। इसके लिए 100 मीटर तक दूरी पर एक पीली लाइन बनानी होगी, ताकि पता चल सके। यही नहीं सबसे व्यस्तम समय (पीक आवर) के दौरान भी सर्विस टाइम प्रति वाहन 10 सेकंड से अधिक नहीं होनी चाहिए।

दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे स्थित खेड़कीदौला टोल प्लाजा से सामान्य दिनों में औसतन 75 से 80 हजार वाहन निकलते हैं। इनमें से 90 फीसद से अधिक वाहनों में फास्टैग की सुविधा उपलब्ध है। इसके बाद भी टोल प्लाजा पर ट्रैफिक का दबाव बहुत अधिक कम नहीं हुआ है। इसके पीछे कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण यह है कि वाहनों की संख्या के हिसाब से लेन नहीं हैं। टोल प्लाजा में 40 से अधिक लेन होनी चाहिए थी लेकिन केवल 25 हैं। इनमें से दोनों तरफ की एक-एक लेन टोल टैक्स के दायरे से बाहर वाले वाहनों के लिए हैं।

कुछ वाहन चालक समय पर फास्टैग रिचार्ज नहीं कराते हैं तो कई बार टोल प्लाजा पर लगाए गए कैमरे भी सही से काम नहीं करते हैं। इन वजहों से टोल प्लाजा पर वाहनों का दबाव बना रहता है। नए दिशा-निर्देशों के लागू होने के बाद वाहनों का दबाव नहीं बनेगा, क्योंकि 100 मीटर तक वाहनों की लाइन पहुंचते ही संबंधित लेन को फ्री करना होगा। इस तरह जब तक वाहनों की लाइन 100 मीटर के भीतर नहीं आ जाएगी तब तक लाइन में आगे के कुछ वाहन बिना टोल दिए ही निकल जाएंगे।

लॉकडाउन में नहीं है ट्रैफिक का दबाव

फिलहाल लॉकडाउन की वजह से टोल प्लाजा पर ट्रैफिक का दबाव नहीं है। जहां लॉकडाउन से पहले प्रतिदिन औसतन औसतन 75 से 80 हजार वाहन निकलते थे वहीं वर्तमान में 15 से 20 हजार वाहन निकलते हैं। इस वजह से पूरा टोल प्लाजा पीक आवर के दौरान भी खाली नजर आता है।

विनीत कुमार सिंह (प्रबंधक, खेड़कीदौला टोल प्लाजा) का कहना है कि नए दिशा-निर्देशों के बारे में अभी टोल प्लाजा प्रबंधन के पास अधिकृत रूप से जानकारी नहीं पहुंची है। जानकारी आने के बाद ही पता चलेगा कि किस तरह से आगे काम करना है। 90 फीसद से अधिक वाहनों में फास्टैग की सुविधा है। कुछ समय पर रिचार्ज नहीं कराते हैं। इस वजह से परेशानी आती है। यदि सभी समय पर फास्टैग रिचार्ज कराने पर ध्यान दें तो 100 मीटर तक वाहनों की लाइन किसी भी लेन में नहीं पहुंचेगी।