भारत में कोरोना से मौतों पर ‘द न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स’ की रिपोर्ट पूरी तरह से निराधार और झूठी : सरकार

भारत सरकार ने कोरोना से होने वाली मौतें सरकारी आंकड़ों की तुलना में कई गुना ज्यादा होने की न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट को पूरी तरह खारिज कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने रिपोर्ट को आधारहीन बताया जबकि नीति आयोग के सदस्य डा. वीके पाल ने कहा कि न्यूयार्क टाइम्स की गणना के हिसाब से न्यूयार्क में पिछले साल 1.75 लाख मौतें हुई होंगी, जबकि केवल 16 हजार मौतें रिपोर्ट की गईं।

न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट की गलतियां समझाते हुए डा. वीके पाल ने कहा कि एक तरफ तो इसमें देश में दिसंबर-जनवरी में हुए सीरोसर्वे की रिपोर्ट को लिया गया, जिसमें देश में कोरोना वायरस के सही संक्रमण को बताया गया है। लेकिन रिपोर्ट किए गए केस कुल संक्रमण से कम होते हैं और यह पूरी दुनिया में हुआ है, केवल भारत में नहीं। उन्होंने न्यूयार्क शहर का उदाहरण देते हुए कहा कि पिछले साल मई में न्यूयार्क में दो लाख केस रिपोर्ट किए गए और सीरोसर्वे से पता चला की 17 लाख लोगों को संक्रमण हो चुका था। ये सामान्य बात है।

न्यूयार्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में फर्जीवाड़ा यह किया कि सीरोसर्वे से संक्रमण का आंकड़ा लेते हुए उसमें अपने मन से मौत का आंकड़ा जोड़ दिया। हमारी सीरोसर्वे की रिपोर्ट के अनुसार, कुल संक्रमण में मृत्युदर 0.05 फीसद रही है। जबकि न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट में बिना किसी आधार के मृत्युदर 0.3 फीसद मान ली गई।

डॉ. पाल ने कहा कि न्यूयार्क टाइम्स ने फोन पर चार विशेषज्ञों से बात की और रिपोर्ट तैयार कर दी। एक विशेषज्ञ ने भारत में मृत्युदर 0.3 फीसद बताई तो दूसरे ने 0.5 फीसद और तीसरे ने 0.6 फीसद बता दी। इस तरह भारत में मरने वालों का असली तादाद को 13-14 गुना तक अधिक साबित करने की कोशिश की गई। डा. पाल ने कहा कि ये रिपोर्ट सिर्फ कुछ लोगों के दिमाग की उपज है और वास्तविकता से इसका कोई लेना देना नहीं है।

अगर शुद्ध आंकड़ों की बात की जाए तो अमेरिका में अब तक 3.40 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि भारत में अब तक 2.74 करोड़। अगर कोरोना से मौत की बात की जाए तो वहां प्रति 10 लाख में 1,822 मौतों के हिसाब से अब तक छह लाख लोग शिकार हो चुके हैं। जबकि भारत में प्रति 10 लाख में 227 के हिसाब से लगभग तीन लाख व्यक्ति कोरोना के शिकार हुए हैं।

अमेरिका ने अपनी लगभग 30 फीसद आबादी को वैक्सीन दे दी है और अमेरिकी राष्ट्रपति ने दो डोज लेने वालों को मास्क उतारने की छूट भी दे दी है, लेकिन आज भी हाल कुछ ऐसा है कि अमेरिका में सक्रिय मामले भारत के मुकाबले दोगुने से भी ज्यादा है। वहां सक्रिय मामले 57 लाख हैं जबकि भारत में लगभग 24 लाख। जाहिर है कि ऐसे में न्यूयार्क टाइम्स की भारत में रुचि और जानकारी चकित करती है।