जातीय टिप्पणी पर फंसीं युविका चौधरी, हिसार में 15 दिन में दूसरे चर्चित चेहरे पर एफआइआर, यह है मामला

बीते 15 दिनों के अंदर हांसी पुलिस ने जातीय टिप्पणी करने के मामले में एक और चर्चित चहरे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। फिल्म अदाकारा युविका चौधरी के खिलाफ अधिवक्ता एवं एक्टिविस्ट रजत कलसन की शिकायत पर एससी-एसटी एक्ट की धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई है। इससे पूर्व हांसी पुलिस युवराज सिंह व तारक मेहता का उल्टा चश्मा की किरदार बबीता जी (मुनमुन दत्ता) के खिलाफ जाति विशेष के खिलाफ टिप्पणी करने की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया है।

बता दें कि अधिवक्ता रजत कलसन की ओर से इससे पूर्व कई हस्तियों के खिलाफ जातीगत टिप्पणी करने को लेकर मुकमदे दर्ज करवाए जा चुके हैं। युवराज सिंह के खिलाफ दर्ज मुकदमे में जांच चल रही है। वहीं, अब युविका चौधरी के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाई है। युविका पर भी उसी शब्द को इस्तेमाल करने का आरोप है जो युवराज सिंह ने किया था।

क्या कहा था युविका ने

युविका वीडियो में बोल रही है कि उसे एक जाति विशेष के लोगों की तरह नहीं दिखना है। इस मामले में शिकायतकर्ता द्वारा एक सीडी पुलिस को दी गई थी। इसकी प्रारंभिक जांच के बाद शुक्रवार को मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस इस मामले में युविका चौधरी को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी करेगी जिसके बाद उनकी संभावित गिरफ्तारी हो सकती है।

लोगों के दिमाग से जातिवाद निकालें

अधिवक्ता एवं एक्टिविस्ट रजतन कलसन का कहना है कि उच्च जाति से जुड़े लोग ऐसी टिप्पणियां केवल शोषित जातियों को लेकर ही क्यों करते हैं। इसका मतलब है कि उनके दिमाग में कहीं न कहीं इन जातियों को लेकर निम्न स्तर के विचार हैं। आरोपित हस्तियों का कहना है कि उन्हें शब्द के अर्थ का पता नहीं था। ये बेतुकी बात लगती है। वो वीडियो में साफ बोल रहे हैं कि उन्हें जाति विशेष की तरह नहीं दिखना। इसका अर्थ है कि वो मानते हैं कि इस जाति के लोग अच्छे नहीं होते। देश की तरक्की के लिए जातिवाद लोगों को दिमाग से निकालना होगा।