90 फीसद से अधिक एग्जिट पोल को खारिज करते हुए बिहार विधानसभा चुनाव में राज्य की जनता ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (National Democratic Alliance) को लगातार चौथी बार सत्ता सौंपी है। एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़े मुकाबले वाले इस चुनाव परिणाम में जहां पर ज्यादातर सर्वे और एग्जिट पोल फेल रहे, वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय के विकासशील राज्य शोध केंद्र व राजनीति विज्ञान विभाग का संयुक्त सर्वे बिहार चुनाव परिणाम के बेहद करीब रहा। डीयू की शोध संस्था ने सर्वे में बिहार विधानसभा चुनाव-2020 में एनडीए की सरकार बनने का अनुमान लगाया था, जो बिल्कुल सही निकला। सर्वे में एनडीए को कुल 44.95 फीसदी मत मिलने की संभावना के साथ 129 सीटें दी थीं। यह भी बेहद करीब रहा। इसके अलावा, तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन को 106 सीट मिलने की संभावना जताई गई थी और उसे 38.04 फीसदी मत मिलने की संभावना दर्शायी गई थी। कुलमिलाकर यह भी सटीक ही रही। इससे पहले दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी डीयू का सर्वे करीब-करीब सही निकला था।
केंद्र के निदेशक प्रो सुनील के चौधरी का कहना है कि सर्वे मे एक प्रश्नावली के माध्यम से ऑनलाइन माध्यम से मतदाताओं का मन टटोला गया था। इस सर्वे में मतदाताओं ने बिहार में मुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश कुमार को सर्वाधिक पसंद किया था, जबकि दूसरे नंबर पर तेजस्वी यादव रहे थे।
यह था सर्वे
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन – 129 (सीट) 44.95 (मत फीसद में)
महागठबंधन – 106 (सीट) 38.04 (मत फीसद में)
लोकजनशक्ति पार्टी- 3 (सीट) 8.71 (मत फीसद में)
निर्दलीय – 5 (सीट) 8.30 (मत फीसद में)
कुल 243
मुख्यमंत्री पद हेतु सर्वाधिक पसंदीदा प्रत्याशी
प्रत्याशी मत प्रतिशत
नीतीश कुमार- 41.49
तेजस्वी यादव- 35.27
चिराग पासवान- 11.42
अन्य- 11.82