Door step Ration Delivery Scheme: जिस घर घर राशन स्कीम (डोर स्टेप डिलीवरी आफ राशन) को लेकर दिल्ली और केंद्र सरकार में ठनी है। इसे लेकर जनता में भी यह उत्सुकता हो रही है कि आखिर सच्चाई क्या है। वास्तव में दोषी कौन है। क्या केवल इस मामलूे में राजनीतिक बयान दिए जा रहे हैं। इस बारे में खाद्य आपूर्ति से जुड़े कानून के जानकारों की मानें तो इस पर केवल राजनीति हो रही है। दिल्ली में घर घर राशन बांटने की स्कीम लागू ही नहीं हो सकती है। इसके लिए संसद में लाकर कानून में संशोधन करना पड़ेगा। दरअसल, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 में घर घर राशन बांटने का प्रावधान नहीं है।
खाद्य सुरक्षा मामलों में कानूनी मदद दे रहे पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार कहते हैं कि घर घर राशन स्कीम दिल्ली में लागू नहीं हो सकती है। उनके अनुसार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 में राशन की होम डिलीवरी का प्रावधान नहीं है। इसके लिए केंद्र सरकार को संसद के माध्यम से कानून में बदलाव करना होगा। उसके बाद दिल्ली में यह स्कीम लागू हो सकती है। वह पिछले एक साल से यह बात कह रहे हैं। वह कहते हैं कि दिल्ली की राशन की दुकानों पर जनवरी से ई-पोस मशीन लगी हैं। मगर इन्हें चालू नहीं किया जा रहा है। वह इसके लिए मुख्यमंत्री से लेकर उपराज्यपाल को पत्र लिख चुके हैं। मगर यह बात समझ नहीं आ रही है कि इन मशीनों को शुरू नहीं किए जाने में किसका लाभ है। किसके दबाव में इन्हें शुरू नहीं किया जा रहा है। इन मशीनों को चालू होने के बाद केवल उन्हीं लोगों को राशन मिल पाएगा जिसके नाम से राशन कार्ड बने हैं। इससे भ्रष्टाचार दूर होगा।
इस स्कीम को लेकर ये है केंद्र सरकार की आपत्ति
- केंद्र सरकार ने 19 मार्च 2021 को दो आपत्तियों वाला पत्र दिल्ली सरकार के पास भेजा। जिसमें कहा गया कि एनएफएस अधिनियम 2013 के तहत प्रदान किए जा रहे खाद्यान्न का उपयोग किसी राज्य-विशिष्ट योजना को चलाने के लिए नहीं किया जा सकता है।
- दूसरी आपत्ति में केंद्र ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा एनएफएसए खाद्यान्न के वितरण के लिए नए नामकरण या योजना के नाम के उपयोग की अनुमति नहीं है।
योजना की व्यापक टाइम लाइन
- 6 मार्च 2018 को दिल्ली कैबिनेट ने राशन प्रणाली की डोर स्टेप डिलीवरी को लागू करने का निर्णय लिया।
- 21 जुलाई 2018 को मंत्रिपरिषद ने योजना में कुछ संशोधनों को मंजूरी दी और योजना का नाम ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना’ रखने का फैसला किया।
- 20 फरवरी 2021 को, कैबिनेट निर्णय के अनुसार योजना को मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना नाम के तहत अधिसूचित किया गया था।
- दिल्ली मंत्रिमंडल के 24 मार्च 2021 के निर्णय के साथ डोरस्टेप डिलीवरी के कार्यान्वयन के लिए संशोधित अधिसूचनाओं/दिशा-निर्देशों के साथ फाइल को 24 मई, 2021 को मंजूरी के लिए एलजी के कार्यालय में भेजा गया था।
- 2 जून 2021 को एलजी ने फाइल वापस कर दी कि स्कीम को लागू नहीं किया जा सकता है।