साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण बृहस्पतिवार को लग रहा है, हालांकि यह ग्रहण उत्तर भारत में दिखाई नहीं देगा। सिर्फ लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में ही कुछ देर के लिए दिखाई देगा। यह दोपहर 1:42 बजे से शुरू होगा और शाम 6:41 बजे समाप्त हो जाएगा। बृहस्पतिवार को लगने वाला सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका के उत्तरी भाग में, उत्तरी कनाडा, यूरोप और एशिया में, ग्रीनलैंड और रूस के अधिकांश हिस्सों में देखा जा सकेगा। इसके अलावा, कनाडा, ग्रीनलैंड तथा रूस में वलयाकार सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। उत्तर अमेरिका के अधिकांश हिस्सों, यूरोप और उत्तर एशिया में आंशिक सूर्य ग्रहण का नजारा दिखेगा।
सूतक काल नहीं होगा मान्य
साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण उत्तर भारत में दिखाई नहीं देगा। ऐसे में सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। मान्यता है कि सूतक काल में किसी भी तरह शुभ कार्य और पूजा पाठ नहीं किया जाता है। मंदिर के कपाट भी बंद ही रखे जाते हैं।
दोपहर 1:42 बजे से शुरू होगा ग्रहण
बता दें कि चंद्रमा के पृथ्वी व सूर्य के बीच से गुजरने के दौरान सूर्य ग्रहण लगता है। ज्योतिषियों के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान वृष, कर्क, तुला, धनु एवं मीन राशि के लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। साल का पहला सूर्य ग्रहण वृष राशि तथा मृगशिरा नक्षत्र में लगेगा। यह दोपहर 1:42 बजे से शुरू होगा और शाम 6:41 बजे समाप्त हो जाएगा।
ग्रहण दिखे अथवा नहीं, लेकिन प्रभाव सब पर पड़ता है
सेक्टर-55 स्थित शिव मंदिर के पुजारी राम नारायण शास्त्री ने बताया कि धार्मिक मान्यता के अनुसार जब राहु व केतु सूर्य को खाने या निगलने की असफल कोशिश करते हैं, उस दौरान सूर्य ग्रहण लगता है। देश में ज्यादातर जगहों यह ग्रहण दिखाई न देने से इसका भी सूतक मान्य नहीं होगा, लेकिन ग्रहण का प्रभाव जरूर देखने को मिलेगा। क्योंकि ग्रहण दिखाई दे या न दे, लेकिन उसका प्रभाव हर व्यक्ति पर देखने को मिलता है। हालांकि, सूर्यग्रहण के बाद मंदिर की सभी प्रतिमाओं का शुद्धिकरण किया जाएगा। खास बात यह है कि इस दिन एक तरफ जहां वट सावित्री व्रत है, वहीं इसी दिन अमावस्या भी है।
कुल चार ग्रहण लगेंगे इस साल
नोएडा सेक्टर-55 स्थित शिव मंदिर के पुजारी राम नारायण शास्त्री ने बताया कि इस वर्ष कुल चार ग्रहण लगेंगे, जिसमें दो चंद्रग्रहण और दो सूर्य ग्रहण हैं। पहला चंद्रग्रहण 26 मई को लग चुका है। इसके बाद 19 नवंबर को चंद्र ग्रहण लगेगा। साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर को लगेगा।
सूर्यग्रहण के दौरान न करें यह कार्य
- किसी भी नए व मांगलिक कार्य का शुभारंभ नहीं किया जाता है।
- ग्रहण काल के समय भोजन पकाना और खाना दोनों ही मना होता है।
- भगवान की मूर्ति छूना और पूजा करना भी मना होता है।
- तुलसी के पौधे को छूने की मनाही होती है।
- इस दौरान सोने से भी बचना चाहिए।
- ग्रहण कोई भी हो भोजन करना वर्जित होता है।
- नाखून कांटना, कंघी करना वर्जित है।
- ग्रहण के समय सोना नहीं चाहिए।
- चाकू या धारदार चीजों का इस्तेमाल न करें।
सूर्य ग्रहण में क्या करें
- ग्रहण से पूर्व पकाए गए खाने तुलसी पत्ता डालें।
- ग्रहण के दौरान पूजा का विधान है। लोग अपने इष्ट देवता का स्मरण करते हैं।
- कुछ लोग मंत्रों का जप भी करते हैं।
- ग्रहण के के दौरान आम के साथ घर के मंदिर के कपाट भी बंद रहते हैं।
- सूर्य ग्रहण के दौरान दान जरूर करें।
- ग्रहण समाप्त होने पर घर की सफाई करें और मंदिर भी साफ करें।
- घर में गंगाजल का छिड़काव करें
- ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करें