भारत को संयुक्त राष्ट्र समर्थित कोवैक्स (COVAX) वैश्विक वैक्सीन साझाकरण कार्यक्रम के माध्यम से बचे हुए 80 मिलियन (8 करोड़) कोरोना वायरस के टीकों में से एक हिस्सा प्राप्त होगा, जिसकी घोषणा राष्ट्रपति जो बिडेन के विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने की है।
2 जून को राष्ट्रपति जो बाइजन ने घोषणा करते हुए कहा था कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र समर्थित कोवैक्स वैश्विक वैक्सीन साझाकरण कार्यक्रम के माध्यम से अपने भंडार से कोरोना के टीकों का 75 प्रतिशत- 2.5 करोड़ खुराक की पहली किश्त का लगभग 1.9 करोड़ आवंटित करेगा। इसे दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के साथ-साथ अफ्रीका में बी दिया जाएगा। प्रशासन का लक्ष्य जून के अंत तक वैश्विक स्तर पर 80 मिलियन (8 करोड़) टीकों को साझा करना है।
व्हाइट हाउस की फैक्ट शीट के अनुसार, COVAX के माध्यम से लगभग 19 मिलियन (1.9 करोड़) टीकों को साझा किया जाएगा। विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने संवाददाता सम्मेलन में कहा किमेरे पास इस बारे में विशेष विवरण नहीं है कि भारत में टीकों की शिपमेंट कब जाएगी। बेशक, भारत को कोवैक्स के माध्यम से उन 80 मिलियन (8 करोड़) टीकों का एक हिस्सा प्राप्त होगा।
प्राइस ने कहा कि हम जानते हैं कि भारत को इस महामारी से बहुत नुकसान हुआ है। इस महामारी से बाहर निकलने के लिए हम भारत में अपने भागीदारों के साथ मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं। हाल के सप्ताहों में अमेरिका ने लगभग 100 मिलियन अमरीकी डालर (10 करोड़) मूल्य की जीवन रक्षक आपूर्ति की है। उन्होंने कहा कि बाइडन सरकार भारत के लोगों को इस महामारी से उबारने में मदद करने की अपनी प्रतिबद्धता पूरी तरह से जारी रखेगी।
भारत वर्तमान में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर देख रहा है। अब तक, देश में 2.90 करोड़ से अधिक मामलें दर्ज किए गए हैं, जिसमें 3,53,528 मौतें भी शामिल हैं। गंभीर टीके की कमी का सामना कर रहे भारत जैसे देशों को कोरोना वयरस की अतिरिक्त वैक्सीन भेजने का दबाव था।