भारतीय मूल की पत्रकार मेघा राजगोपालन को ‘पुलित्जर’ अवार्ड, चीन के हिरासत कैंपों का किया था खुलासा

भारत मूल की पत्रकार मेघा राजगोपालन (Megha Rajagopalan) को अमेरिका के टॉप जर्नलिज्म सम्मान ‘पुलित्जर (Pulitzer)’ से नवाजा गया है। दरअसल मेघा ने सैटेलाइट टेक्नोलॉजी की मदद से चीन का कुरूप चेहरा सार्वजनिक किया । उन्होंने अपनी रिपोर्ट में उन उइगर मुसलमानों की दशा और हालात का विवरण दिया जो चीन के हिरासत केंद्रों में बंद हैं।

पुलित्जर बोर्ड ने इस अवार्ड का ऐलान शुक्रवार को किया। मेघा के साथ इस सम्मान से इंटरनेट मीडिया बजफीड न्यूज के दो पत्रकार भी नवाजे गए हैं। मेघा के अलावा भारतीय मूल के पत्रकार नील बेदी (Neil Bedi) को स्थानीय रिपोर्टिंग कैटेगरी में पुलित्जर सम्मान से नवाजा गया है। उन्होंने टंपा बे टाइम्स (Tampa Bay Times) के लिए एक संपादक के साथ इंवेस्टीगेटिव स्टोरी तैयार की थी जिसमें फ्लोरिडा में कानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा बच्चों की तस्करी को लेकर लिखा था। पुलित्जर अवार्ड का यह 105वां साल है जो कोलंबिया यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ जर्नलिज्म में पुलित्जर बोर्ड द्वारा दिया जाता है।

महामारी कोविड-19 के कारण वर्चुअली इस अवार्ड का ऐलान किया गया। इसमें अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड के मामले पर तैयार कई रिपोर्ट को भी सम्मान मिला। ब्रेकिंग न्यूज कैटेगरी में मिनियापोलिस पुलिस द्वारा जॉर्ज फ्लॉयड की मौत मामले पर कवरेज के लिए द स्टार ट्रिब्यून के स्टाफ को सम्मानित किया गया। इन्वेस्टिगेटिंग रिपोर्टिंग कैटेगरी में खतरनाक ट्रक ड्राइवरों के बारे में जानकारी साझा करने में राज्य सरकारों की विफलता को उजागर करने वाली रिपोर्टिंग के लिए द बोस्टन ग्लोब के मैट रोशेल्यू, वर्नल कोलमैन, लौरा क्रिमाल्डी, इवान एलन और ब्रेंडन मैकार्थी को सम्मानित किया गया। पुलित्जर की वेबसाइट पर इस सम्मान से अलंकृत सभी विजेताओं की लिस्ट पर मौजूद है।