पूर्व कांग्रेस सांसद महाबल मिश्रा ने दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार औैर उपराज्यपाल से भी अपील की है कि छठ पर्व को सार्वजनिक तौर पर मनाने की अनुमति प्रदान करें व इस विषय में दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा लिए फैसले को रद करें।महाबल मिश्रा ने कहा कि डीडीएमए ने प्रस्ताव पास किया है कि सार्वजनिक तौर पर छठ नहीं मनाएं, इस प्रस्ताव को अविलंब निरस्त किया जाना चाहिए व सार्वजनिक तौर पर मनाने का आदेश पारित किया जाए। वजह, पूर्वाचल निवासी बड़ी संख्या में दिल्ली में रहते हैं जिनमें लाखों लोग किराए के मकानों में रहते हैं। किराए के मकान में रहने वालों के पास छत की सुविधा नहीं है। यह पूर्वाxचलवासियों की की भावना से जुड़ा पर्व है, इसलिए लोगों के मान- सम्मान को देखकर छठ पर्व मनाने की अनुमति प्रदान की जानी चाहिए।
छठ पूजा के लिए दिशानिर्देश जल्द जारी करने को लेकर सौंपा ज्ञापन
वहीं, सामूहिक रूप से छठ पूजा के आयोजन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगने के आदेश के बाद अब छठ पूजा समितियां विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के पास जाकर ज्ञापन सौंप रही हैं। पूजा समितियों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के मुताबिक छठ पूजा का आयोजन किया जा सकता है। इस संदर्भ में छठ पूजा संघर्ष समिति दिल्ली प्रदेश ने दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद मनोज तिवारी के पास पहुंचे और ज्ञापन सौंपा। साथ ही उपराज्यपाल व मुख्यमंत्री से भी मिलने का समय मांगा है। समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि अगर दो दिन के अंदर कोई ठोस परिणाम नहीं निकलता है तो जंतर मंतर या उपराज्यपाल के निवास पर धरना देंगे। समिति से जुड़े शैलेंद्र पांडे ने कहा कि गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार की ओर से इस बारे में प्रयास किए गए थे, लेकिन उपराज्यपाल ने सहमति नहीं दी। वहीं, आदेश गुप्ता ने कहा कि इसको लेकर छठ पूजा समतियों की जल्द ही एक बैठक बुलाएंगे। इस दौरान मुकेश सिन्हा, शिवाजी सिंह, अरुण पंजियार, उमेश कुमार, रमेश चौधरी, विकास झा, संतोष भट्ट, रमेश तिवारी सहित कई लोग मौजूद रहे।