पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद राजनीतिक हिंसा और मौजूदा सियासी घटनाक्रम के बीच राज्यपाल जगदीप धनखड़ दिल्ली पहुंचे हैं। वह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर राज्य में कानून-व्यवस्था की ताजा स्थिति की जानकारी देंगे। इससे पहले उन्होंने केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी से उनके आवास पर मुलाकात की।
इससे पहले बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सूबे में विधानसभा चुनाव के बाद हो रही हिंसा पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खामोश रहने को लेकर सवाल उठाया है। मंगलवार शाम दिल्ली रवाना होने से पहले राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर नारद स्टिंग आपरेशन मामले में अपने दो मंत्रियों व एक विधायक को सीबीआइ द्वारा गिरफ्तार किए जाने पर केंद्रीय जांच एजेंसी के दफ्तर पहुंच जाने को लेकर ममता की आलोचना भी की है। बता दें कि बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी की अगुआई में भाजपा विधायकों के प्रतिनिधिदल ने सोमवार को धनखड़ से मुलाकात की थी। ऐसे में राज्यपाल का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण बताया जा रहा है।
धनखड़ ने पत्र में लिखा कि राज्य में सियासी हिंसा चरम पर
धनखड़ ने पत्र में लिखा कि राज्य में सियासी हिंसा चरम पर है। महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं। मानवाधिकार लज्जित हो रहा है। विरोधी राजनीतिक दलों पर अत्याचार हो रहे हैं। आजादी के बाद का यह सबसे खराब समय है और लोकतंत्र के लिए अशुभ संकेत है। चुनाव बाद हो रही हिंसा पर मुख्यमंत्री चुप्पी तोड़ें और राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर ध्यान दें। चक्रवात यास से प्रभावित हुए लोगों के लिए राहत की भी व्यवस्था करें।
सरकार हिंसा में शामिल : दिलीप घोष
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व सांसद दिलीप घोष ने बंगाल में चुनाव बाद हिंसा को लेकर ममता सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने दावा किया कि राज्य में चुनाव के बाद से अब तक भाजपा के 41 कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि बंगाल में कानून-व्यवस्था नहीं है। राज्य सरकार हिंसा में शामिल है। उधर, मुकुल से विधायक पद से इस्तीफा देने की मांग की।