केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए माहौल तैयार करने की कोशिश में लगी हुई। इस बीच खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता कर सकते हैं। केंद्र सरकार यह बैठक 24-25 जून तक बुलाने पर विचार कर रही है। अगस्त 2019 में, केंद्र ने जम्मू – कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू – कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था। इसके बाद से यह केंद्र की जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों के साथ पहली सर्वदलीय बैठक होगी।
जानकारी के अनुसार इस बैठक में केंद्र सरकार नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत अन्य पार्टियों के नेताओं को बुला सकती है। गौरतलब है कि हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र से बातचीत के संकेत दिए थे और कहा था कि सभी विक्लप खुले हुए हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि था कि कश्मीर में हालात सामान्य बनाने के लिए अगर केंद्र सरकार बातचीत के लिए बुलाती है तो वे जरूर जाएंगे।
बता दें कि सर्वदलीय बैठक की खबर ऐसे समय पर आई है जब जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दिल्ली में शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक की। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सिन्हा और शाह के बीच बैठक का एजेंडा विकास संबंधी मुद्दे और केंद्र शासित प्रदेश की मौजूदा स्थिति पर केंद्रित थी।
इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में चल रही विकास परियोजनाओं की समीक्षा की और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि गुलाम कश्मीर (PoK) और पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों को जल्द से जल्द शरणार्थी पैकेज का लाभ मिले। इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को अपने सदस्यों के प्रशिक्षण और उनके सुचारू कामकाज के लिए उचित बैठने की व्यवस्था, उपकरण और अन्य आवश्यक संसाधनों को सुनिश्चित करके पंचायती राज और शहरी स्थानीय निकाय संस्थानों को मजबूत करने का भी निर्देश दिया। किसानों के मुद्दों को लेकर उन्होंने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सभी किसानों को प्रधानमंत्री किसान योजना समेत चलाई जा रही योजनाओं का लाभ मिले।