कोरोना वायरस की दूसरी और बेहद ख़तरनाक लहर से कुछ राहत मिली ही थी कि इस संक्रमण के नए वैरिएंट ने एक बार फिर सबके दिलों में दहशत पैदा कर दी है। कोरोना वायरस के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस भारत के साथ कुल 11 देशों में पाया गया है। दुनिया भर में अब इसके कुल मामले 197 हो गए हैं।
क्यों बढ़ते हैं वैरिएंट?
कोई भी वायरस अपने आप को बनाए रखने के लिए कुछ तरीकों का सहारा लेते हैं। इनमें से एक है मानव शरीर में कोशिकाओं के साथ अपने समीकरण को बदलना, साथ ही हवा में ज़्यादा समय तक ख़ुद को जीवित रखने की कोशिश करना। ये विषाणु कुछ लोगों में वायरस लोड को बढ़ाते हैं ताकि व्यक्ति सांस, छींक और खांसी के ज़रिए वायरस को फैलाए। इसके अलावा वायरस संक्रमण के दौरान ख़ुद में बदलाव भी लाते हैं।
कितनी बार रूप बदल चुका है कोरोना?
साल 2019 में चीन के शहर वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस अभी तक कई बार रूप बदल चुका है। म्यूटेट होना यानी रूप बदलना हर वायरस की फितरत में होता है। ऐसा ज़रूरी नहीं कि हर वैरिएंट ताक़तवर और ख़तरनाक ही साबित होगा।
एल्फा वैरिएंट
कोविड-19 का एल्फा वैरिएंट सबसे पहले इंग्लैंड की काउंटी केंट में पाया गया था। इसका वैज्ञानिक नाम B.1.1.7 है, जिसे WHO ने एल्फा का नाम दिया। कोरोना के बुनियादी किस्म यानी SARS-CoV-2 की तुलना में एल्फा 40% -80% अधिक संक्रामक है। इसका पता नवंबर 2020 में लगा, जब सितंबर महीने में यूनाइटेड किंगडम में कोविड-19 महामारी के दौरान इसके नमूने लिए गए थे। यह दिसंबर के मध्य तक तेजी से फैलने लगा, और देश में SARS-CoV-2 संक्रमण में वृद्धि देखी गई।
बीटा वैरिएंट
कोविड-19 का बीटा वैरिएंट सबसे पहले अक्टूबर 2020 में साउथ अफ्रीका में पाया गया था। इसका वैज्ञानिक नाम B.1.351 है, जिसे WHO ने बीटा का नाम दिया।
गामा वैरिएंट
कोविड-19 का गामा वैरिएंट सबसे पहले जनवरी 2021 में ब्राज़ील में पाया गया था। इसका वैज्ञानिक नाम P.1 है, जिसे WHO ने गामा का नाम दिया। गामा साल 2021 की शुरुआत में अमेज़ॅनस की राजधानी मनौस शहर में गंभीर संक्रमण का कारण बना, हालांकि यह शहर मई 2020 में पहले ही गंभीर संक्रमण अनुभव कर चुका था
डेल्टा वैरिएंट
कोविड-19 का डेल्टा वैरिएंट सबसे पहले भारत में पाया गया था। इसका वैज्ञानिक नाम B.1.617.2 है, जिसे WHO ने डेल्टा का नाम दिया। भारत में पहली बार पहचाने गए, डेल्टा वैरिएंट को WHO ने “वैरिएंट ऑफ कंसर्न” माना है। यह वही वैरिएंट है, जिसने भारत में हाल ही में कोहराम मचाया था। भारत के अलावा यह ब्रिटेन में भी तेज़ी से फैला है।
डेल्टा प्लस वैरिएंट
कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट जिसे B.617.2 कहा जाता है, यह म्यूटेंट होकर डेल्टा प्लस या AY.1 में भी तब्दील हो गया है। यह सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में पाया गया है, जिसकी वजह से मेडिकल एक्सपर्ट्स की चिंता बढ़ रही है। डेल्टा वैरिएंट की स्पाइक में K417N म्यूटेशन जुड़ जाने का कारण डेल्टा प्लस वैरिएंट बना है। यही K417N द. अफ्रीका में पाए गए कोरोना वायरस के बीटा वैरिएंट और ब्राज़ील में पाए गगए गामा वैरिएंट में भी मिला है। ख़ैर, वैज्ञानिक जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए लगातार नजर बनाए हुए हैं। इसके बारे में ज़्यादा जानकारी जल्द ही सामने आ सकती है।