बच्चों को बगैर लीविंग सर्टिफिकेट दाखिले पर हरियाणा के Private School संचालक भड़के, सर्वे कर पूछे 7 सवाल

चंडीगढ़। स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (एसएलसी) के बगैर ही निजी स्कूलों के छात्रों को सरकारी स्कूलों में दाखिला देने पर निजी स्कूल संचालक भड़क गए हैं। हाई कोर्ट में मामला लंबित होने के बावजूद आनलाइन पोर्टल से निजी स्कूलों के बच्चों को मनमर्जी से सरकारी स्कूलों में स्थानांतरित करने को आइटी एक्ट का उल्लंघन बताते हुए प्राइवेट स्कूल फेडरेशन और नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल अलायंस (निसा) ने तुरंत इस पर रोक लगाने की मांग की है।

फेडरेशन के राज्य प्रधान डा. कुलभूषण शर्मा ने शुक्रवार को पत्रकारों से रू-ब-रू होते हुए कहा कि बगैर दस्तावेजों के निजी स्कूलों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला देने के मामले में हाई कोर्ट में 30 जुलाई को सुनवाई होनी है, लेकिन शिक्षा अधिकारी मनमानी पर उतर आए हैं। इस गैरकानूनी कार्रवाई के खिलाफ हमने स्कूल शिक्षा निदेशक, मौलिक शिक्षा निदेशक, जिला शिक्षा अधिकारियों और मौलिक शिक्षा अधिकारियों को नोटिस भेजे हैं। साथ ही अदालत से जल्द सुनवाई करने की मांग की है।

1. स्कूल बंद करने के फैसले से खुश हैं? हां 1170,         नहीं 6095

2. बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है? हां 6717,       नहीं 573

3. आनलाइन क्लास के साथ फिजिकल क्लास भी चलनी चाहिए? हां 6092       नहीं1125

4. आनलाइन शिक्षा जारी रहे या नहीं।   हां 1840        नहीं 5324

5. क्या स्कूल खुलने चाहिए।    हां 6411                   नहीं 751

6. आनलाइन शिक्षा बच्चों की आंखें कमजोर होने, मोटापा सहित अन्य शारीरिक प्रभाव  हां 6039    नहीं 1101