राजकुमार बल्लन के पाला बदलने से गरमाई यमुनापार में राजनीति, कई पार्षद दे सकते हैं भाजपा को झटका

करीब 35 साल भाजपा में गुजारने वाले 54 वर्षीय राजकुमार बल्लन के अचानक पाला बदल लेने से यमुनापार में राजनीति गर्मा गई है। राजकुमार बल्लन ने पार्टी को झटका देने के साथ-साथ नाराज पार्षदों और कार्यकर्ताओं को भी रास्ता दिखा दिया है। माना जा रहा है कि निगम में पद न मिलने से नाराज पार्षद आगामी दिनों में बल्लन की राह पकड़ सकते हैं। कुछ ऐसे पार्षद भी हैं, जिन्हें अगले चुनाव में अपना टिकट कटने की आशंका है, वह भी नाराजगी को बहाना बनाकर इसी रास्ते पर चल सकते हैं। बहरहाल कई कार्यकर्ताओं और पार्षदों को उम्मीद है कि अब शायद उनकी नाराजगी को पार्टी के बड़े नेता अहमियत देंगे।

बता दें कि इससे पहले भाजपा के जिला महामंत्री रह चुके श्रवण दीक्षित पार्षद पत्नी रेखा दीक्षित के साथ आप में शामिल हो चुके हैं। राजकुमार बल्लन उत्तर पूर्वी जिले में कद्दावर नेता हैं। गुर्जरों में भी उनकी पकड़ अच्छी है। वह किसान प्रकोष्ठ के दो बार प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। एक बार भाजपा के जिला अध्यक्ष और फिर जिला प्रभारी की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। 2017 में निगम का चुनाव जीतने के बाद वह पहले साल निर्माण समिति और अगले दो साल शिक्षा समिति के चेयरमैन रहे। राजनीतिक अनुभव के नाते वह निगम में वरिष्ठों की श्रेणी में आते हैं।इसके बावजूद उन्हें महापौर, स्थायी समिति या जोन चेयरमैन तक नहीं बनाया गया है। पिछले साल उन्हें निर्माण समिति का चेयरमैन बनाया जा रहा था लेकिन उन्होंने मना कर दिया। वह संगठन में दायित्व चाहते थे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जिले की टीम में भी उनके कार्यकर्ताओं को जगह नहीं मिली। इसी उपेक्षा की वजह से उन्होंने जिले की बैठकों में जाना छोड़ दिया था। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी के करीबी नेताओं में शुमार राजकुमार बल्लन को प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन ने कभी पसंद नहीं किया। इसी वजह से राजकुमार बल्लन को अब भाजपा में अपना कोई भविष्य नजर नहीं आ रहा था। हालांकि बल्लन कहते हैं कि उन्हें पद की लालसा नहीं है लेकिन सामाजिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाकर वह काम नहीं कर सकते।

दरअसल भाजपा के 45 पार्षदों में कई ऐसे हैं जिन्हें एक बार भी निगम में कोई महत्वपूर्ण पद नहीं मिला है। यह आखिरी साल है और इसमें अभी कई पदों की घोषणा बाकी है। अगर उन्हें स्थान मिल जाता है तो कुछ हद तक नाराजगी दूर हो सकती है लेकिन जो वंचित रह जाएंगे, वह बल्लन की राह पकड़ेंगे।

पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे राजकुमार: अजय महावर

आप का दामन थामने के बाद राजकुमार बल्लन पर सबसे तीखा प्रहार घोंडा के विधायक और पूर्व जिलाध्यक्ष अजय महावर ने किया है। जिलाध्यक्ष मोहन गोयल के साथ प्रेस वार्ता में उन्होंने राजकुमार बल्लन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप जड़ा है। अजय महावर का कहना है कि कई चुनावों में बल्लन ने पार्टी के खिलाफ काम किया। आज वह जो भी आरोप लगा रहे हैं वह मिथ्या है और निराधार है। महावर ने कहा कि पार्टी ने उनको निरंतर मान-सम्मान

मोहन गोयल ने कहा कि वह लगातार सम्मान देने के बावजूद भी बैठकों से दूर रह रहे थे। यह तो स्पष्ट है कि वह सिर्फ अपना निजी हित देखते हैं। पार्षद रहते हुए वह कार्यकर्ताओं पर भी दोहन कर रहे थे। उनके जाने से ब्रह्मपुरी वार्ड के भाजपा कार्यकर्ता खुश हैं। भाजपा छोड़कर उन्होंने हम पर अहसान किया है। इस दौरान जिला उपाध्यक्ष दिनेश धामा, महामंत्री डा. यूके चौधरी, दीपक चौहान, अर्जुन गुप्ता, हरीश शर्मा, ब्रह्मपुरी मंडल अध्यक्ष जितेंद्र भदौरिया, आलोक महावर आदि उपस्थित रहे। दिया है। लेकिन अति महत्वाकांक्षी होने की वजह से उन्होंने पार्टी बदली।