राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द करीब तीन दिन अपने गृह जनपद कानपुर में गुजराने के बाद आज दोपहर से दो दिन के लखनऊ दौरे पर रहेंगे। कानपुर से करीब 10:30 बजे प्रेसिडेंशियल एक्सप्रेस ट्रेन से रवाना होने के बाद उनका 11:50 बजे लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर आगमन होगा। जहां राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनका स्वागत करेंगे।
चारबाग रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द सड़क मार्ग से राजभवन पहुंचेंगे। राष्ट्रपति का काफिला लखनऊ के चारबाग हजरतगंज से होते हुए राजभवन पहुंचेगा। राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए पुलिस-प्रशासन सतर्क है और तैयारियां पूरी कर ली गई है। सेना की खुफिया इकाई को भी अलर्ट कर दिया गया है। चारबाग रेलवे स्टेशन के आसपास लोगों की हर गतिविधि पर अफसर पैनी नजर रख रहे हैं। राजभवन में न्यायाधीशों के साथ हाई टी का कार्यक्रम है। इस दौरान चीफ जस्टिस आफ इंडिया भी मौजूद रहेंगे। इसके बाद आज का उनका कार्यक्रम राजभवन में आरक्षित है।राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द मंगलवार को लोकभवन से दिन में डॉ. आंबेडकर सांस्कृतिक केंद्र का वर्चुअल शिलान्यास भी करेंगे। लोकभवन में उनका करीब एक घंटे का कार्यक्रम प्रस्तावित है। कार्यक्रम की समाप्ति के बाद मंगलवार शाम को राष्ट्रपति राजभवन से चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए प्रस्थान करेंगे और वहां से नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे। उनकी सुरक्षा के लिहाज से एयरपोर्ट के आसपास बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
उनके आगमन पर दो दिन शहर में सड़कों पर कई जगह रूट डाइवर्जन रहेगा। विभिन्न मार्गों पर भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक रहेगी, जबकि उनके कार्यक्रम के दौरान छोटे वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
मेयर नहीं दे सकेंगी राष्ट्रपति को शहर की चाभी
यह पहला मौका होगा, जब मेयर शहर में आ रहे राष्ट्रपति को शहर की चाभी नहीं दे सकेंगी। पुुरानी परंपरा के तहत देश और विदेश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आने पर उस शहर का मेयर सम्मान में उन्हें शहर की चाभी देता है। सम्मान वाली चाभी के पीछे का एक कारण यह है कि वह शहर में कहीं भी जा सकता है। अंग्रेजों के समय से चली आ रही यह परंपरा आज भी बनी हुई है लेकिन इस पर कोरोना और सुरक्षा कारणों से मेयर चाभी नहीं दे सकेंगी। सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों ने भी मेयर को बता दिया है कि पुरानी परंपरा के तहत इस बार कोई चीज साथ लेकर न आएं, ऐसा कोरोना की सुरक्षा को लेकर बताया जा रहा है, लेकिन दूसरी तरफ नगर निगम के अधिकारियों ने मेयर को सलाह दी है कि दूसरी बार चाभी नहीं दी जा सकती है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द दूसरी बार लखनऊ आ रहे हैं और पूर्व में लखनऊ आगमन पर उन्हें शहर की चाभी मेयर सौंप चुकी हैं। मेयर संयुक्ता भाटिया का कहना है कि राष्ट्रपति के एडीसी ने किसी भी चीज को साथ में न आने को कहा है। दूसरी तरफ महापौर यह भी तर्क दे रही हैं कि नगर निगम के अधिकारियों ने दोबारा चाभी न देने की परंपरा को भी बताया है। इस कारण वह चाभी नहीं ले जाएंगी।
दस इंच की पीतल चाभी पर सोने का पानी
देश और विदेश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के शहर में आने से पहले ही नगर निगम चाभी खरीदने की तैयारी में जुट जाता था। इसके बजट की फाइल तैयार होती थी। करीब दस इंच लंबी इस पीतल की चाभी पर सोने का पानी चढ़ा होता है। चाभी को खास किस्म के बॉक्स में रखा जाता है, जिसपर मखमल का लाल रंग कपड़ा चढ़ा रहता है।