आर्थिक तंगी की परेशानियों से जूझ रहे पाकिस्तान को अब बिजली की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान में बिजली की समस्या चरम सीमा पर है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता और पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने देश में ऊर्जा संकट और तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के मुद्दें पर प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार पर हमला किया है।
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए इस्माइल ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार के बिजली उत्पादन के लिए फर्नेस ऑयल और डीजल जैसे महंगे ईंधन के विकल्प पर सवाल उठाए। उनकी टिप्पणी संघीय ऊर्जा मंत्री हम्माद अजहर द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद आई है कि देश को 29 जून से 6 जुलाई तक बिजली की कमी का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि उस अवधि के दौरान रिगैसीफाइड तरल प्राकृतिक गैस (आरएलएनजी) टर्मिनल काम नहीं करेंगे। अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों को पूरा करने और टर्मिनलों को चालू रखने के लिए सुरक्षा प्रमाणपत्र प्राप्त क
इस्माइल ने आरोप ये भी आरोप लगाया कि सरकार इस मामले में देरी कर रही है। फर्नेस ऑयल की खरीद में लगातार देरी करने और फिर इसे जल्दबाजी में अत्यधिक कीमत पर खरीदने का भी आरोप लगाया है। इस महीने की शुरुआत में एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल ने पाकिस्तान के ऊर्जा संकट की बिगड़ती स्थिति की सूचना दी थी। देश इस समय 7,000 से 8,000 मेगावाट की बिजली की कमी का सामना कर रहा है।
बिजली उत्पादन में कमी के कारण लाहौर समेत पंजाब में लोड शेडिंग अपने चरम पर पहुंच गई है। पिछले 72 घंटों के दौरान कई जगहों पर तीन से पांच घंटे तक बिजली ठप रहने से जनता की परेशानी और बढ़ गई थी। सा ही सिल्टेड तारबेला डैम से हाइड्रो जेनरेशन ठप होने से बिजली के उत्पादन में काफी तेजी आई है।
रने के लिए ड्राई डॉकिंग की आवश्यकता थी।