Delhi Girl Lottery News: दिल्ली में एक साल की बच्ची की निकली लॉटरी, मिली 16 करोड़ रुपये की दवा

देश की राजधानी दिल्ली के चर्चित सर गंगाराम अस्पताल में एक साल की मासूम बच्ची को 16 करोड़ रुपये की दवा दी गई। मासूम स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) नामक दुर्लभ बीमारी से जूझ रही है। खास बात यह है कि 16 करोड़ रुपये का इंतजाम दक्षिण भारत में काम कर रही एक एनजीओ (गैर सरकारी संगठन) ने किया है। एनजीओ इसी तरह की बीमारियों के शिकार बच्चों के लिए काम करती है। आर्थिक मदद के लिए एनजीओ लाटरी का सहारा लेती है। इसमें बच्ची का नाम आया था।

जानकारी के मुताबिक, बच्ची के माता-पिता कोयंबटूर, तमिलनाडु में रहते हैं। इस दुर्लभ बीमारी के इलाज के लिए जीन थैरेपी की जरूरत होती है। यह काफी महंगा उपचार है। इसमें एक खास दवा के लिए 16 करोड़ रुपये की जरूरत थी। ऐसे में परिवार ने आर्थिक मदद की गुहार लगाई थी। इस परिवार की मदद उक्त एनजीओ ने की। पैसे का प्रबंध होने के बाद माता-पिता बच्ची को लेकर दिल्ली आ गए थे। यहां शनिवार को बच्ची को दवा दी गई। अस्पताल प्रशासन ने इसकी पुष्टि की है। अस्पताल ने बताया कि इसी बीमारी की वजह से दंपती ने 2018 में अपने पहले बच्चे को खो दिया था।

स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एक आनुवंशशक रोग है जो मोटर न्यूरॉन्स कहे जाने वाली तंशिकाओं को प्रभाशवत करता है। यह बीमारी कई प्रकार की होती है, लेकिन इसमें टाइप-1 सबसे गंभीर होता है। जहां तक दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका की बात है तो यहां पर हर साल जन्म लेने वाले बच्चों में लगभग 400 बच्चे इस बीमारी से ग्रसित होते हैं। हमारे देश में भी इसके कई मामले सामने आ चुके हैं। तीरा कामत नाम की एक बच्ची भी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 से पीड़ित है और जिसका इलाज मुंबई के एक अस्पताल में चल रहा है।