हरियाणा में 2029 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कम से कम 126 विधायक अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करेंगे। फिलहाल राज्य में विधानसभा सीटों की संख्या 90 है। 2026 में प्रस्तावित परिसीमन के दौरान राज्य में विधानसभा सीटों की संख्या बढ़कर 126 होने का अनुमान है। इसी तरह लोकसभा सीटों की संख्या 10 से बढ़कर 14 हो सकती है। विधानसभा की 36 और लोकसभा की चार सीटों की बढ़ोतरी के साथ हरियाणा राजनीतिक रूप से काफी ताकतवर राज्य के रूप में उभरकर सामने आएगा। 2026 में नया परिसीमन प्रस्तावित है। हालांकि 2024 के चुनाव के बाद 2029 में नया परिसीमन लागू होगा, लेकिन तब प्रदेश के राजनीतिक समीकरण कुछ अलग ही तरह के होंगे।
2026 में नया परिसीमन प्रस्तावित, 2024 के चुनाव के बाद 2029 में लागू होगा नया परिसीमन
परिसीमन आयोग हर 10 साल बाद विधानसभा और लोकसभा सीटों की संख्या में कमी अथवा वृद्धि करता है। इन 10 सालों के अंतराल में आयोग के पास बहुत से ऐसे केस और अर्जियां पहुंचती हैं, जिनमें लोकसभा और विधानसभा सीटों की संख्या बढ़ाने के साथ ही उन्हें आरक्षित करने के प्रस्ताव दिए जाते हैं। संबंधित लोग अपने-अपने हिसाब से आयोग के पास दलीलें भेजते हैं, जिनका धरातल पर वेरिफिकेशन करने के बाद परिसीमन नए सिरे से किया जाता है। फिलहाल प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों में से दो अंबाला और सिरसा आरक्षित हैं, जबकि 90 विधानसभा सीटों में से 17 सीटें अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं।
उदाहरण के लिए करनाल, पंचकूला या गुरुग्राम विधानसभा से बिल्कुल सटे इलाके नजदीकी विधानभा में पड़ते हैं, जबकि गांव व शहरी लोगों के कामकाज के लिए मुख्यालय संबंधित शहर में होता है। ऐसे में परिसीमन के जरिये इन विधानसभा क्षेत्रों का फैला हुआ दायरा कम कर नई विधानसभा सीटें बनाई जानी प्रस्तावित हैं।
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तीन लोकसभा और 25 विधानसभा सीटें रिजर्व होना संभव ़
मोटे अनुमान के मुताबिक राज्य में 14 लोकसभा सीटों में से तीन आरक्षित हो सकती हैं, जबकि 126 विधानसभा में से 25 सीटें रिजर्व कैटेगरी में रखी जा सकती हैं। परिसीमन के बाद जहां कई नई सीटें बनेंगी, वहीं मौजूदा विधायकों व जनप्रतिनिधियों की संभावित जीत या हार पर भविष्य में फर्क पड़ना तय है। राज्य में 2024 में अगला विधानसभा चुनाव है। इसके बाद 2029 में होगा। 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव पर हालांकि कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है, लेकिन 2029 के चुनाव में हरियाणा की राजनीतिक फिजा और विधानसभा का माहौल काफी कुछ बदला-बदला नजर आएगा।