Delhi Metro Commuters News: दिल्ली मेट्रो में 20 मिनट का सफर करने के लिए 1 घंटे करना पड़ता है इंतजार

कोरोना नियमों के तहत मेट्रो में 50 फीसद क्षमता के साथ यात्री सफर कर रहे हैं। ऐसे में मेट्रो स्टेशन के बाहर लोगों को प्रबंधन की ओर से रोक दिया जाता है, जिससे वह कतार में आधे से एक घंटे तक खड़े हो रहे हैं। खासतौर से शाम के वक्त राजीव चौक, केंद्रीय सचिवालय, करोलबाग, उद्योग भवन, मंडी हाउस, राजेंद्र प्लेस समेत कई मेट्रो स्टेशन के चलते कतार में खड़े होने के कारण लोग देरी से घर पहुंच रहे हैं। राजीव चौक मेट्रो पर कतार में खड़े होने वाले यात्री यतेंद्र यादव का कहना है कि वह कनाट प्लेस में नौकरी करते हैं, जिसके चलते उन्हें घर जाने में देरी हो रही है। रोजाना एक घंटे देरी से घर पहुंच रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मेट्रो प्रबंधन को इस ओर ध्यान देना चाहिए और अतिरिक्त प्रवेश द्वार खोल देने चाहिए। साथ ही मेट्रो के फेरे भी बढ़ा देने चाहिए, जिससे लोगों को परेशानी ना हो। मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन पर खड़े सुरेश कश्यप का कहना है कि सुबह शाम कतार में खड़ा होना अब परेशानी बन गया है। लोगों को बस में जगह नहीं मिलती है, जिसके चलते वह मेट्रो का प्रयोग करते हैं, लेकिन मेट्रो में भी एक घंटे तक कतार में खड़ा होना पड़ता है, जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक बन रहा है।

वहीं, दिल्ली-गुरुग्राम के बीच लाइफ लाइन कही जाने वाली मेट्रो सेवा बृहस्पतिवार दोपहर ढाई बजे से साढ़े तीन बजे तक सिकंदरपुर मेट्रो स्टेशन से हुडा सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन के बीच बाधित रही। इससे यात्री काफी परेशान हुए। सेवा बाधित होने से सभी मेट्रो स्टेशनों पर यात्रियों की लंबी लाइनें लग गई थीं।

बताया जाता है कि अचानक सिग्नल में खराबी आने से सिकंदरपुर मेट्रो स्टेशन से हुडा सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन के बीच मेट्रो का परिचालन बंद हो गया था। बंद होने से जहां यात्रियों को मेट्रो से बाहर निकाला गया वहीं सिग्नल ठीक होने तक यात्रियों का स्टेशनों में प्रवेश रोक दिया गया था। जैसे ही यात्रियों को मेट्रो फिर से चालू होने की सूचना मिली वे स्टेशनों पर पहुंच गए। इस वजह से भी स्टेशनों पर यात्रियों की लाइनें लगीं। इधर, मेट्रो सेवा प्रभावित होने के दौरान आटो एवं टैक्सी चालकों ने चांदी कूटी। सभी ने अधिक किराया वसूला।

बता दें कि जैसे-जैसे कोरोना संकट कम होता जा रहा है वैसे-वैसे मेट्रो में यात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है। स्टेशनों में प्रवेश करने से पहले यात्रियों को जांच से गुजरना पड़ता है। इस वजह से आमतौर पर भी स्टेशनों के नजदीक यात्रियों की भीड़भाड़ दिखाई देती है।