जम्मू एयरबेस पर हुए ड्रोन हमले के बाद भारतीय वायु सेना सतर्क हो गई है, जिसके तहत वायु सेना ने 10 काउंटर मानव रहित विमान प्रणाली प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू की है। भारतीय वायु सेना ने एंटी-ड्रोन सिस्टम के लिए स्वदेशी कंपनियों से एक अनुरोध किया है। भारतीय वायु सेना इन प्रणालियों को विभिन्न एयरबेसों पर तैनात करेगा।
मानव रहित विमान प्रणाली का मुख्य काम विरोधियों के ड्रोन्स का पता लगाना, ट्रैक करना, पहचानना और बेअसर करना होगा। भारतीय वायु सेना इस मानव रहित विमान की डिलीवरी इसी साल के भीतर करना चाहता है। स्वदेशी उपकरण निर्माता कंपनिया ही इसमें बाग ले सकती है।
मानव रहित विमान प्रणाली में ये खूबियां होनी चाहिए
-व्हीकल माउंटेड सिस्टम
-सड़क और हवाई परिवहन योग्य
-तुरंत तैनाती और निकासी हो सके
-360 डिग्री कवरेज के साथ 5 किलोमीटर की रेंज
सीयूएएस मल्टी सेंसर
-मल्टी किल सोल्यूशन
-रेडियो फ्रीक्वेंसी सेंसर
इजराइल का ड्रोन डोम सिस्टम जैसा ही इसका फीचर्स सिस्टम होगा। ड्रोन डोम सिस्टम 3.5 किमी तक के टारगेट का पता लगने में सक्षम है। 360 डिग्री कवरेज के साथ यह सटीक पहचान भी बता सकता है। इसे एंड-टू-एंड सॉल्यूशन के नाम से भी जाना जाता हैं।
डीआरडीओ और भारतीय वायु सेना अपने एंटी-ड्रोन सिस्टम पर मिलकर काम कर रहे हैं। परीक्षण जल्द ही पूरा हो सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार दो एंटी-ड्रोन सिस्टम डीआरडीओ ने पहले ही विकसित किए है जिसमें एक की रेंज 2 किमी तक तो दूसरे की रेंज 1 किमी तक की है।
आपको बता दें कि 27 जून को जम्मू वायु सेना स्टेशन पर ड्रोन से आतंकी हमला किया गया था। भारत पर यह पहला ड्रोन हमला था, जिसे देखते हुए भारतीय वायुसेना ने अब अहम कदम उठाया है।