दिल्ली ही नहीं, देश भर में कमोबेश सभी जगह कांग्रेस की लुटिया डूबती जा रही है, लेकिन पार्टी अलाकमान सोनिया गांधी का पुत्र मोह इस स्थिति में सुधार होने ही नहीं दे रहा। दबी जबान में अब तो हर कांग्रेसी कहने लगा है कि जब तक राहुल गांधी को साइडलाइन नहीं किया जाएगा, कांग्रेस का मजबूत होना नामुमकिन है मगर यह बात अब आलाकमान को कौन समझाए! हाल ही में एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के यहां कुछ पुराने कांग्रेसी गपशप करने को एकत्र हुए तो यहां भी यही चर्चा चल गई। सभी ने स्वीकार किया कि कांग्रेस को आज इसके कर्णधार ही कमजोर कर रहे हैं। उनके निर्णय पार्टी को हर स्तर पर नुकसान पहुंचा रहे हैं। पानी गले से ऊपर आने लगता है तो कहीं जाकर हाथ पैर मारे जाते हैं। अभी पंजाब की हालत खस्ता है, वह दिन दूर नहीं जब दिल्ली की हालत भी ऐसी ही होगी।
चिड़िया उड़ाकर बचा रहे अपना सियासी वजूद
पुलिस को दिया चकमा
दो दिन पूर्व दिल्ली कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों के खिलाफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निवास पर प्रदर्शन किया। लंबे अरसे बाद इस प्रदर्शन में कांग्रेसियों की ठीकठाक संख्या देखने को मिली। लेकिन इसकी वजह वह चकमा रही, जो कांग्रेसियों ने पुलिस को दिया। दरअसल होता यह रहा है कि कांग्रेसी जब भी किसी धरने प्रदर्शन का कार्यक्रम बनाते हैं, पुलिस वाले वहां पहले ही पहुंचकर उन्हें उठा देते हैं। इसीलिए अबकी बार पुलिस को सही लोकेशन बताई ही नहीं गई। पुलिस दूसरी लोकेशनों पर प्रदर्शनकारियों का इंतजार करती रही जबकि कांग्रेसी मुख्यमंत्री आवास के काफी करीब पहुंचकर प्रदर्शन करने लगे। जब पुलिस को इसकी जानकारी मिली तो उसने भी इस चकमे का जवाब लाठीचार्ज से दिया। ऐसे डंडे बरसाए कि प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी और उपाध्यक्ष जयकिशन सहित कईयों के चोटें आ गईं। इसे कहते हैं नहले पे दहला।