खदान बंद होते ही बालू-मौंरग की कीमतों ने तेज उछाल भरी हैं। इससे आशियाना बनाने वालों को तेज झटका लगा है। निर्माण कार्य में प्रयोग होने वाली सबसे अहम सामग्री मौरंग और बालू की कीमताें ने नींव डालने, छत ढालने और मरम्मत कार्य में खलल पैदा कर दिया है। हाल यह है कि 25,000 रुपये प्रति हजार घनफीट वाली बालू इस समय 35,000 पहुंच गई है। वहीं मौरंग की कीमतें आसमान छू रही हैं। 65,000 रुपये प्रति ट्रक के स्थान पर कीमतें 75,000 रुपये हो गई हैं। राहत देने वाली बात यह है कि सरिया की कीमतों में थोड़ी कमी आई हैं।
स्टोरेज से बढ़े भवन सामग्री के दामः कारोबारियों की मानें तो आमतौर पर खदान का काम 15 जुलाई तक बंद होता था। लेकिन इस बार यह अचानक पहली जुलाई से ही खनन पर रोक लगा दी गई। इसका नतीजा यह हुआ कि बीते करीब दो हफ्तों से धीरे-धीरे चढ़ रही मौंरग और बालू की कीमतों ने अचानक उछाल भरना शुरू कर दिया। जैसे ही खनन बंद हुआ इनका भाव आसमान छूने लगा।
भवन सामग्री रुपये प्रति ट्रक एक हजार घनफीट
- जून माह के शुरू में जून के अंतिम हफ्ते में आज
- मौरंग 52,000 65,000 75,000
- बालू का ट्र्रक 18,000 25,000 5,000
- सरिया 6,200 5,800 5,500
प्रति घनफीट रुपये में जून माह के शुरू में जून के अंतिम हफ्ते में आज
- मौरंग 52 65 75
- बालू 18 25 35
सरिया की कीमत घटीः हालांकि सरिया की कीमतें घटी हैं। करीब तीन सौ रुपये क्विंटल की कमी और आई है। भले ही इस्पात का रेट कम हुआ है लेकिन अन्य अहम सामग्री बढ़ने से भवन निर्माण कार्यों पर जल्द ही ब्रेक लगने के आसार हैं।
अभी तक खदान 15 जुलाई के बाद बंद की जाती थीं। इस बार अचानक पहले हफ्ते में ही खनन बंद कर दिया गया है। इसकी आहट स्टोर करने वालों को भी हो गई थी। इसके चलते अचानक मौरंग और बालू की कीमतों ने महज एक से दो हफ्ते में ही प्रति ट्रक 10,000 रुपये की तेजी पकड़ ली और कीमतें हाथ से बाहर हो गईं। तमाम दावे किए गए थे कि इस बार कीमतों में बड़ा इजाफा नहीं हो पाएगा लेकिन खुले बाजार में इन सभी भवन सामग्री का भाव आसमान में है। -श्याममूर्ति गुप्ता, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश सीमेंट व्यापार संघ