प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंत्रिपरिषद में शामिल सभी नए सदस्य गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से मुलाकात करेंगे। मई 2019 में प्रधानमंत्री मोदी के दूसरी बार सत्ता में लौटने के बाद पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार में बुधवार को 43 नेताओं ने शपथ ली। कोरोना संबंधित नियमों का पालन करते हुए शपथ ग्रहण समारोह संसद के मानसून सत्र से कुछ दिन पहले ही हुआ है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल कुछ प्रमुख नेताओं में ज्योतिरादित्य सिंधिया, भूपेंद्र यादव, सर्बानंद सोनोवाल और पशुपति कुमार पारस शामिल हैं। सात महिला सांसदों ने विस्तारित मंत्रिपरिषद में केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ ली। इनमें अनुप्रिया पटेल, शोभा करंदलाजे, दर्शन विक्रम जरदोश, मीनाक्षी लेखी, अन्नपूर्णा देवी, प्रतिमा भौमिक और भारती प्रवीण पवार शामिल हैं।
इस बीच, सात राज्य मंत्रियों (MoS) को केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों के रूप में पदोन्नत किया गया है। इनमें जी किशन रेड्डी, किरण रिजिजू, अनुराग सिंह ठाकुर, हरदीप सिंह पुरी, राज कुमार सिंह, पुरुषोत्तम रूपाला और मनसुख मंडाविया शामिल हैं।विस्तार से पहले ही छह कैबिनेट मंत्री समेत 12 मंत्रियों का इस्तीफा ले लिया गया था। इनमें कानून एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद, सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक शामिल थे।
बता दें कि मोदी सरकार का यह अब तक का सबसे बड़ा मंत्रिमंडल है। पहले कार्यकाल में सरकार में 70 से कम मंत्री थे सरकार में पहले तीन पूर्व ब्यूरोक्रेट थे। अब यह संख्या बढ़कर सात हो गई है। मंत्रिमंडल में अब 13 वकील, छह डाक्टर और पांच इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि के हैं। मंत्रिमंडल में 46 चेहरों के पास केंद्र सरकार में काम करने का अनुभव है। 23 कम से कम तीन बार संसद सदस्य रह चुके हैं। नए मंत्रियों में युवाओं को तरजीह दी गई है। इसके चलते अब केंद्रीय मंत्रिमंडल की औसत आयु 61 से घटकर 58 वर्ष हो गई है।