असम सरकार ने 10वीं और 12वीं कक्षा के रिजल्ट्स तैयार करने के लिए वैकल्पिक मूल्यांकन फार्मूले के संबंध में पहले जारी सरकारी अधिसूचना के खंड 5 को हटा दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तैयार किए गए मूल्यांकन मानदंड के तहत स्टूडेंट्स को जारी किए गए सर्टिफिकेट और मार्कशीट उच्च शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में आवेदन करने के लिए भी मान्य माने जाएंगे।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 8 जुलाई को ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU), ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (ABSU) और असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद (AJYCP) के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की। जिसमें मूल्यांकन के वैकल्पिक तरीके पर चर्चा की गई। बैठक में शिक्षा मंत्री रनोज पेगु समेत अन्य भी शामिल थे।
बैठक के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि यदि आवश्यक समझा गया तो स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती के लिए समकक्ष परीक्षा आयोजित की जा सकती है। यह SEBA, AHSEC और अन्य बोर्डों और शिक्षा परिषदों के सभी छात्रों के लिए लागू होगा। इस वर्ष एचएसएलसी और एचएस रिजल्ट में रैंक होल्डर्स की लिस्ट जारी नहीं की जाएगी। हालांकि, डिस्टिंक्शन और स्टार मार्क्स दिए जाएंगे
बता दें कि असम में ‘ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन’ (AASU) सहित कई अन्य छात्र संगठनों और विपक्षी दलों के नेताओं ने असम बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा के मूल्यांकन के लिए तैयार फॉर्मूले के खंड 5 को हटाने की मांग की थी। इस खंड के अनुसार, कहा गया था कि शिक्षक बनने या राज्य सरकार की नौकरी हासिल करने के इच्छुक उम्मीदवारों को महामारी की स्थिति में सुधार होने के बाद स्पेशल एग्जाम देना होगा। इसका विभिन्न छात्र संघों ने विरोध किया था।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 1 जुलाई को एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि शिक्षा विभाग द्वारा गठित दो विशेषज्ञ समितियों की रिपोर्ट के आधार पर बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन, असम (SEBA) और असम हायर सेकेंडरी एजुकेशन काउंसिल (AHSEC) के तहत 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं का एक रिकॉर्ड-आधारित मूल्यांकन किया जाएगा। इस क्लॉज के अंतर्गत, टीचर बनने या राज्य सरकार की अन्य नौकरी प्राप्त करने के इच्छुक स्टूडेंट्स को स्थिति अनुकूल होने पर, एक विशेष मैट्रिक या उच्चतर माध्यमिक परीक्षा देनी होगी। जहां भर्ती 10वीं और 12वीं के अंकों के आधार पर होती है, उसके लिए उम्मीदवारों को विशेष परीक्षा में भाग लेना होगा।