Haryana – Delhi Water Dipute : हरियाणा और दिल्ली के बीच यमुना जल विवाद को लेकर माहौल फिर गर्मा गया है। दोनों राज्याें की सरकारें आमने-सामने आ गई हैं। दिल्ली में कम जलापूर्ति के आरोपों पर हरियाणा सरकार ने पलटवार किया है। हरियाणा की मनोहरलाल सरकार ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार पर इस मामले में झूठ बोलने का आरोप लगाया है।
हरियाणा सरकार का कहना है कि दिल्ली में पानी की कमी पूरी तरह से वहां की सरकार का आंतरिक मामला है और इसमें हरियाणा की कोई भूमिका नहीं है। मानसून में देरी के कारण खुद हरियाणा पानी की भारी किल्लत झेल रहा है, लेकिन इसके बावजूद दिल्ली को बिना किसी कटौती के उसके हिस्से का पूरा पानी सप्लाई किया जा रहा है।
हरियाणा सरकार ने दिल्ली की केजरवाल सरकार पर लगाया झूठ बोलने का आरोप
बता दें कि दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्डा ने दिल्ली में पानी के संकट को लेकर हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही पानी की कटौती के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही है। आम आदमी पार्टी के आरोप को पूरी तरह से राजनीतिक और आदतन शिकायत का प्रारूप बताते हुए हरियाणा सरकार ने तथ्यों के साथ उस पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। हरियाणा का कहना है कि दिल्ली को नहर के माध्यम से मूनक में 1049 क्यूसेक पानी दिया जाता है, जिसकी मात्रा बवाना कांटेक्ट प्वाइंट पर 950 क्यूसेक बनती है। इस पानी को हरियाणा की ओर से दिल्ली को निरंतर उपलब्ध कराया जा रहा है।
हरियाणा ने कहा, यमुना में 40 फीसद पानी की कमी, फिर भी हम दे रहे पूरा पानी
हरियाणा सरकार का कहना है कि मानसून में देरी के कारण और दिल्ली सरकार के जल प्रबंधन की कुव्यवस्था से दिल्लीवासियों को पानी के संकट का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए झूठी राजनीतिक बयानबाजी कर रही है। सच तो यह है कि यमुना में इस वर्ष लगभग 40 फीसद पानी की कमी के बावजूद हरियाणा ने दिल्ली को अपने हिस्से का पानी दिया है।
हरियाणा सरकार ने कहा कि दिल्ली सरकार की 2017 की इकोनामिक सर्वे रिपोर्ट में दिल्ली में पेयजल के कुप्रबंधन के कारण 20 फीसद पानी व्यर्थ हो जाता है। व्यर्थ होने वाले पेयजल की मात्रा 30 फीसद तक बढ़ती रही है। इसके बावजूद हरियाणा सरकार अपने सकारात्मक प्रयत्न एवं सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए भी दिल्ली सरकार की आलोचना झेल रही है।
हरियाणा ने कहा- सुप्रीम कोर्ट से लगती रही दिल्ली सरकार को फटकार, अब इन पर किसी को भरोसा नहीं
हरियाणा की दलील है कि यमुना और राबी ब्यास के पानी से मूनक में दिल्ली का हिस्सा 719 क्यूसेक पानी है। इसके अलावा, 29 फरवरी 1996 में सुनाए गए सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन के लिए मूनक में हरियाणा द्वारा 330 क्यूसेक अतिरिक्त यमुना का पानी छोड़ा जाता है। ऊपरी यमुना नदी बोर्ड की 52वीं और 54वीं बैठक में इस स्थिति की पुष्टि भी की जा चुकी है।
इस साल मई के महीने में दिल्ली ने इस आधार पर सुप्रीम कोर्ट में एक सिविल रिट याचिका दायर की थी कि हरियाणा, दिल्ली को पानी का पूरा हिस्सा नहीं दे रहा है। जल शक्ति मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया। पिछले वर्षों में दिल्ली द्वारा दायर इसी तरह की याचिकाओं को भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
दिल्ली पर सिर्फ आम आदमी पार्टी का ठेका नहीं: विनोद मेहता
हरियाणा के सीएम के प्रिंसिपल मीडिया एडवाइजर विनोद मेहता ने राघव चड्ढा के आरोपों पर एक बार फिर उनकी घेराबंदी की है। मेहता ने कहा कि पानी की कमी को आधार बनाते हुए दिल्ली पहले भी कई बार सुप्रीम कोर्ट में गई है। सुप्रीम कोर्ट ने हमेशा यह पाया है कि हरियाणा अलोकेटिड से ज्यादा पानी दिल्ली को देता रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए हमेशा कहा कि हरियाणा की ओर से दिल्ली को पानी की सप्लाई ठीक है, लेकिन आप दिल्ली की जरूरत समझिए।
मेहता के अनुसार हरियाणा ने अक्सर दिल्ली के लोगों की जरूरत समझी और दिल्ली को ज्यादा पानी दिया। दिल्ली पर सिर्फ आम आदमी पार्टी का ठेका नहीं है। दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है। वह हमारे देश की शान है। आम आदमी पार्टी के लोगों की आदत शिकायत करने की हो गई है। उनकी शिकायत को कोई गंभीरता से नहीं लेता।
अर¨वद केजरीवाल की नौटंकी को समझ चुकी जनता – जेपी दलाल
दिल्ली को हक का पूरा पानी दिया जा रहा है। लांछन लगाना आम आदमी पार्टी की आदत बन गई है। इसीलिए उनको अब कोई गंभीरता से नहीं लेता। आम आदमी पार्टी लगातार अपना विश्वास खोती जा रही है। दिल्ली सरकार पहले भी दिल्ली में प्रदूषण और आक्सीजन की सप्लाई के मामले में लोगों को गुमराह करती रही है। कोविड काल में पर्याप्त आक्सीजन की उपलब्धता के बावजूद आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री अर¨वद केजरीवाल ने आक्सीजन नहीं होने की राजनीतिक नौटंकी की। केजरीवाल को यदि दिल्ली और हरियाणा के हित प्यारे हैं तो उन्हें पंजाब सरकार पर हरियाणा को एसवाइएल का पानी देने का दबाव बनाना चाहिए।