दिल्ली में एक तिहाई सरकारी संपत्तियों में अब भी नहीं है वर्षा जल संग्रहण की सुविधा

वर्षा जल संग्रहण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए लंबे समय से अभियान चलाया जाता रहा है। 100 वर्ग मीटर से बड़े भूखंडों में बने भवनों वर्षा जल संग्रहण की सुविधा नहीं होने पर जुर्माने का भी प्रावधान है। इस सख्ती का थोड़ा असर हुआ है। इसलिए ज्यादातर स्कूलों वर्षा जल संग्रहण की व्यवस्था भी हो गई है। जल बोर्ड ने भी नजीर पेश करते हुए अपने ज्यादातर संपत्तियों में वर्षा जल संग्रहण की व्यवस्था कर ली है लेकिन एक तिहाई सरकारी संपत्तियों में भी वर्षा जल संग्रहण की व्यवस्था नहीं हो पाई है। सरकारी महकमों की उदासीनता से बारिश का पानी बर्बाद ही जाएगा।

दिल्ली जल बोर्ड ने वर्षा जल संग्रहण प्रणाली लगाने के लिए 30 सितंबर तक का समय बढ़ा दिया है। इस निर्धारित समय तक वर्षा जल संक्रमण प्रणाली नहीं लगाने पर जल बोर्ड पानी का डेढ़ गुना बिल भेजकर जुर्माना वसूल करेगा। दरअसल, जल बोर्ड ने वर्ष 2019 में सर्वे करने के बाद केंद्र सरकार व दिल्ली सरकार के सभी विभागों, नगर निगम, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) सहित सभी सरकारी महकमों को पत्र लिखकर वर्षा जल संग्रहण की सुविधा करने का निर्देश दिया था।

दिल्ली जल बोर्ड के अनुसार विभिन्न सरकारी महकमों के 5472 सरकारी संपत्तियों में से अब तक 3705 में वर्षा जल संग्रहण की सुविधा हो पाई है। 1767 संपत्तियों में वर्षा जल संक्रमण प्रणाली बनाने का काम बाकी है। इसे चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। हालांकि, जल बोर्ड ने अपने 588 संपत्तियों में वर्षा जल संग्रहण की व्यवस्था कर ली है। बाकी छह संपत्तियों में इस माह के अंत तक काम पूरा हो जाएगा, जबकि डेढ़ साल पहले तक जल बोर्ड के 318 संपत्तियों में वर्षा जल संग्रहण की सुविधा थी। इसी तरह 4124 स्कूलों में भी बारिश के पानी को सहेजने की व्यवस्था कर ली गई है। 407 स्कूलों में अभी यह व्यवस्था नहीं हो पाई है। इन स्कूलों में वर्षा जल संग्रहण प्रणाली विकसित करने की प्रक्रिया चल रही है।