गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित हरियाणा में कल से खुल जाएंगे स्कूल, कांग्रेस ने पूछा- किससे पूछकर खोल रहे

हरियाणा में सरकारी स्कूल खोलने को लेकर प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार और विपक्षी दल कांग्रेस में टकराव के हालात हैं। शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने 16 जुलाई से स्कूल खोलने की घोषणा करते हुए कहा कि किसी भी बच्चे को स्कूल भेजना या न भेजना अभिभावकों की मर्जी पर निर्भर करेगा। स्कूल नहीं आने वाले बच्चों की गैर हाजिरी नहीं लगाई जाएगी।

हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने स्कूल खोलने के सरकार के फैसले पर अंगुली उठाते हुए कहा कि एक बच्चे को भी कोरोना वैक्सीन नहीं लगी है। कोरोना की तीसरी लहर सिर पर है। सरकार दूसरी लहर में दर्दनाक माहौल देख चुकी है। तीसरी लहर में वह बच्चों के स्कूल खोलकर उन्हें किस दुविधा में फंसाना चाह रही है। सैलजा ने कहा कि सरकार तीसरी लहर में दूसरी लहर जैसा दर्दनाक माहौल देखना चाह रही है।

शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने सैलजा के आरोपों पर कहा कि फिलहाल कोरोना संक्रमण के मामले नहीं के बराबर हैं और हालात लगातार सामान्य हो रहे हैं, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। अभिभावक निश्चिंत होकर अपने बच्चों को स्कूल भेज सकते हैं। उन्होंने बताया कि 16 जुलाई से नौवीं से 12वीं कक्षा तक स्कूल खोले जा रहे हैं। इसके बाद 23 जुलाई से छठी से आठवीं तक के बच्चों के लिए कक्षाएं शुरू की जाएंगी। पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए स्कूल खोलने पर अभी विचार नहीं है। बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों पर किसी तरह का दबाव भी नहीं है।

शिक्षा मंत्री के अनुसार हरियाणा सरकार कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने को लेकर सजग है। अगर इस तरह के हालात बनते हैं तो फिर उसी हिसाब से तुरंत फैसला लिया जाएगा, क्योंकि बच्चों का स्वास्थ्य हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि 10वीं का परिणाम निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार घोषित किया जा चुका है और अब 12वीं का रिजल्ट भी 25 जुलाई को घोषित कर दिया जाएगा।

कंवरपाल गुर्जर ने बताया कि प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू करने के उद्देश्य से 10 कमेटियां गठित की गई थी, जिन्होंने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसके बारे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी चर्चा हो चुकी है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2030 तक नई शिक्षा नीति लागू करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, लेकिन मुख्यमंत्री ने इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए वर्ष 2025 तक ही इसे लागू करने की मंशा जाहिर की है।