महाकाल मंदिर के पास खोदाई स्थल से निकली अस्थियां, जांच के बाद पता चलेगा अस्थियां मनुष्य की हैं या पशु की

मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित ज्योतिर्लिग महाकाल मंदिर के समीप पुरातत्व विभाग की निगरानी में चल रही खोदाई के मलबे से गुरुवार को अस्थियों के टुकड़े मिले हैं। शोध अधिकारी का कहना है कि अस्थियां मनुष्य की हैं या पशु की, यह जांच के बाद पता चलेगा। बता दें कि मध्य प्रदेश शासन व महाकाल मंदिर समिति द्वारा मंदिर के आसपास करीब 400 करोड़ रुपये की लागत से सुंदरीकरण व विस्तार कार्य कराया जा रहा है। इसी के तहत की जा रही खोदाई में बीते दिनों करीब एक हजार साल पुराना मंदिर तथा भग्नावशेष प्राप्त हुए हैं। गुरुवार को ये अस्थियां प्राप्त हुई हैं।

अब तक मिले स्तंभ, मूर्तियां व मंदिर

मध्य प्रदेश पुरातत्व विभाग स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर ज्योतिर्लिग महाकालेश्वर से जुड़ा वैभवशाली इतिहास सहेजने का काम कर रहा है। इसी के तहत अब तक हुई खोदाई में कई ऐतिहासिक चीजें मिल चुकी हैं। इनमें मंदिर के जकती (स्तंभ खड़े करने का मुख्य आधार), स्तंभ, मंजरी, छत का हिस्सा, मूर्तियां आदि प्राप्त हो चुके हैं। पुरातत्व विभाग के आयुक्त शिवशेखर शुक्ला के निर्देश पर पुराविद् डा. रमेश यादव के साथ खोदाई स्थल का निरीक्षण करने पहुंचे शोध अधिकारियों को शुरुआत में शुंग व कुषाण काल के पात्र अवशेष भी प्राप्त हुए थे। पुराविदों ने इनका काल करीब दो हजार साल पुराना बताया था।

आक्रांताओं के आतंक की ओर इशारा कर रहीं अस्थियां

अस्थियां मिलने की सूचना पर परमहंस संत डा. अवधेशपुरीजी महाराज भी खोदाई स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि करीब 500 वर्ष पहले आक्रांताओं ने ¨हदू मंदिरों का बड़े पैमाने पर विध्वंस किया था। उस समय वर्ग संघर्ष की स्थिति अवश्य निर्मित हुई होगी। भग्न मंदिर के आसपास अस्थियों का मिलना इस ओर इशारा करता है। यह स्थान साधु-संतों की तप स्थली भी रहा है। मंदिर में महानिर्वाणी अखाड़ा होने से यहां साधु-संतों की समाधि भी रही होंगी। इन अस्थियों की जांच करानी चाहिए, ताकि प्राचीन इतिहास का एक और पन्ना सामने आ सके।

महाकालेश्वर के पुरातन मंदिर के आसपास करीब सात मीटर ऊंचाई तक मलबा जमा हुआ था। इस मलबे को हटाकर पुरासंपदा निकाली गई है। भराव में हड्डियां भी निकली हैं।- डा. ध्रुवेंद्र¨सह जोधा, शोध अधिकारी, महाकाल मंदिर खोदाई स्थल, उज्जैन, मप्र