दिल्ली में आने वाले दिनों में सर्किल रेट में स्थाई रूप से बदलाव हो सकता है। राजस्व विभाग ने पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके बाद नए सर्किल रेट तय किए जाएंगे। दिल्ली सरकार ने इस बारे में स्पष्ट नहीं किया है कि सर्किल रेट घटेंगे या बढ़ेंगे। मगर जानकार मान रहे हैं कि यह कवायद सर्किल रट कम करने के लिए ही चल रही है। राजस्व विभाग ने सभी 11 जिलों को अपने यहां का पुनर्मूल्यांकन कर नई दरें प्रस्तावित करने के लिए कहा है। इस मामले में राज्य स्तर पर भी समिति का गठन किया गया है। जो नगर निगम,डीडीए आदि से प्रस्तावित दरों के बारे में बात कर रही है। जिला स्तर पर भी कवायद तेज हो गई है। पूर्वी जिला प्रशासन ने 25 जुलाई को सार्वजनिक सूचना जारी कर लोगों की राय मांगी है। जिसमें 31 जुलाई तक सुझाव देने के लिए कहा गया है। लोगों से दिल्ली में आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक आदि संपत्तियों के सर्किल रेट के बारे में सुझाव मांगे गए हैं।
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी यह कहना संभव नहीं है कि सर्किल रेट घटेंगे या बढ़ेंगे। इसके बारे में समिति फैसला लेगी। इसके लिए सभी से सुझाव लिए जा रहे हैं। उसी के आधार पर तय होगा। वहीं इस बारे में जानकारों का कहना है कि दिल्ली में जिस तरह से पिछले सालों में संपत्ति की खरोद फरोख्त में कमी आई है। कोरोना काल में लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। आर्थिक रूप से लोग परेशान हैं इसे देखते हुए सर्किल रेट में 30 सितंबर के आगे भी कमी जारी रखी जा सकती है। बता दें कि दिल्ली सरकार ने फरवरी में संप्पति पर सर्किल रेट में छह माह के लिए 20 फीसद तक कमी कर दी थी। इस बारे में दिल्ली सरकार के प्रस्ताव पर उपराज्यपाल की अनुमति के बाद राजस्व विभाग ने गत 28 फरवरी को अधिसूचना जारी कर दी थी। अधिसूचना के तहत यह सुविधा 30 सितंबर तक लागू रहेगी।
दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार मान रही है कि इससे संपत्ति की खरीद बिक्री के कार्य में इससे तेजी आ रही है। विभाग का कहना है कि इस निर्णय से संपत्ति खरीदने के इच्छुक लोगों को बड़ी राहत मिली है और रियल एस्टेट क्षेत्र को एक बढ़ावा मिल रहा है। सर्किल दरों में 20 फीसद तक कमी करने का निर्णय अधिक से अधिक लोगों को अचल संपत्ति में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। अधिसूचना के अनुसार 30 सितंबर तक के लिए दिल्ली में आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक और अन्य संपत्तियों के सर्किल दर को 20 फीसद तक कम रहेंगे।