कोरोना के लक्षण यदि काफी लंबे समय तक मौजूद रहते हैं तो ऐसे लोगों को अमेरिका में दिव्यांगता कानून के तहत रखा जाएगा। इस नियम मके दायरे में आने वालों को सरकार की तरफ से विभिन्न तरह की सुविधाएं भी दी जाएंगी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस संबंध में एक गाइडेंस जारी की है। इसमें कहा गया है कि कोरोना के ऐसे मरीज जिनको लंबे समय तक इसके लक्षण बने रहते हैं, जिसमें थकान और दिमागी थकान शामिल और जिनका स्तर दिव्यांगता के स्तर तक हो सकता है, उन्हें देश के डिसएबिलिटी लॉ के तहत कवर किया जाएगा। ऐसे लोगों को जो भी नियमों के दायरे में होगा सुविधा दी जाएगी। इन्हें घर देने के अलावा स्कूल और काम की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी, जिससे वो अपनी जिंदगी को पूरे मान-सम्मान के साथ जी सकें।
उन्होंने ये बातें अमेरिकन विद डिसएबिलिटी एक्ट की 31वीं वर्षगांठ के मौके पर व्हाइट हाउस में कही हैं। इस संबंध में हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विस डिपार्टमेंट, जस्टिस और एजूकेशन डिपार्टमेंट ने मिलकर गाइडलाइंस जारी की है, जिससे भविष्य में इससे पीडि़त लेागों की मदद की जा सकेगी। हालांकि इसके दायरे में हर कोई नहीं आएगा और न ही लंबे समय तक लक्षण वाले मरीज अपने आप से ही इसके दायरे में आ जाएंगे। एचएच सर्विस डिपार्टमेंट की गाइडलाइंस के मुताबिक इस बारें में जानकारी मिलने पर विशेषज्ञों की टीम उक्त व्यक्ति की जांच कर ये पता लगाएगी कि उसको दिखाई देने वाले लक्षण क्या उसकी पूरी जिंदगी की दिलचर्या को बाधित कर सकते हैं या नहीं। ।
इस जांच में सही पाए जाने वाले लोगों को सरकार की तरफ से नियमों के मुताबिक सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। गौरतलब है कि कोविड-19 से पीडि़त कुछ मरीज कुछ सप्ताह में ठीक हो जाते हैं, जबकि कुछ को इसमें लंबा समय लगता है। इसके लंबे समय तक बने रहने वाले लक्षणों में जोड़ों का दर्द, बुखार, थकान, बालों का झड़ना और नजर में फर्क आना होता है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन और विश्व स्वास्थ्य संगठन इस बात को समझने में लगा हुआ है कि आखिर कितने समय में इस बीमारी से ठीक हुआ जा सकता है।