नीरज चोपड़ा। पानीपत के मतलौडा कस्बे के खंडरा गांव का बेटा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीरज की जीवटता के मुरीद हो गई। पिछले दिनों जब प्रधानमंत्री ओलिंपिक जाने वाले खिलाडि़यों से बात कर रहे थे, तब नीरज ने मोदी से कहा था कि चोट तो खेल का हिस्सा है। इस पर प्रधानमंत्री ने उनकी सराहना की। आपको नीरज की कहानी से रूबरू कराते हैं। बचपन में जब नीरज मोटा था, तब स्वजनों ने मैदान पर दौड़ लगाने के लिए कहा। दौड़ लगाते हुए शरीर को फिट रखा जा सकता था। वहीं पर उसने एक भाला देख लिया। इस भाले को फेंका तो वहां खेल रहे खिलाड़ी हैरान रह गए। बस, तब से भाला ही जिंदगी का अहम हिस्सा हो गया। इसी भाले की बदौलत दुनियाभर में नीरज चोपड़ा का नाम लिया जाता है।
चाचा ने सात हजार का भाला दिलाया
परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी। उसे डेढ़ लाख तक का भाला नहीं दिला सकते थे। तब नीरज के पिता सतीश और चाचा ने सात हजार रुपये जोड़े। सस्ता भाला दिलाया। इसी से नीरज अभ्यास करता। इस खेल में इतना रम गया कि समय का पता ही नहीं चलता था। रोजाना सात से आठ घंटे तक अभ्यास करता।
यूट्यूब को बनाया गुरु
एक समय ऐसा भी था, जब नीरज के पास कोच नहीं था। तब भी नीरज ने हार नहीं मानी। यूट्यूब चैनल चलाता। वहीं से बारीकी सीखता। इसके बाद मैदान पर पहुंच जाता। वीडियो देखकर ही अपनी कई कमियों को दूर किया।
चोट को हराया
नीरज के लिए हमेशा राह आसान नहीं रही। कंधे की चोट के कारण मैदान से दूर रहना पड़ा। कंधा ही मजबूत कड़ी होता है। नीरज भाले के बिना रह नहीं सकता था। ठीक होने पर दोबारा मैदान पर वापसी की। कोरोना के कारण कई प्रतियोगिताएं नहीं खेल सका। पर हिम्मत नहीं हारी है। टोक्यो ओलिंपिक में क्वालिफाइ कर ही लिया। अपने पहले ही टूर्नामेंट ने नीरज ने इसका कोटा हासिल कर लिया था।
क्या आप जानते हैं, ये उपलब्धियां हैं नीरज के नाम
1- 2016 के वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में नीरज ने 86.48 मीटर तक भाला फेंका। केवल 18 की उम्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया। अंडर 20 का वर्ल्ड रिकार्ड अपने नाम कर लिया।
2-82.23 मीटर का है राष्ट्रीय रिकार्ड, इसकी बराबरी की। गुवाहाटी में हुए दक्षिण एशियाई खेलों में नीरज ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा।
3-कामनवेल्थ गेम्स में नीरज ने स्वर्ण पदक जीता, देश का नाम रोशन किया। इसके बाद से उनसे उम्मीद और बढ़ गईं
4-2018 में जर्काता में हुए थे एशियाई खेल। तब तीसरे प्रयास में 88.06 मीटर की दूरी तक भाला फेंका। यह उनका नया रिकार्ड रहा। स्वर्ण पदक भी जीता।
5-पटियाला में उन्होंने पांचवें प्रयास में 88.07 मीटर तक भाला फेंका और अपना नया रिकार्ड बनाया।