भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने जर्मनी को हराकर इतिहास रचा। टीम में कुरुक्षेत्र का खिलाड़ी सुरेंद्र पालड़ भी खेल रहा है। टीम की जीत के बाद कुरुक्षेत्र में जश्न का माहौल रहा। लोग घरों से बाहर निकल आए। पड़ोसी सुरेंद्र के परिवार वालों को बधाई देने पहुंचे। मां ने मिठाई बांटी।
भारतीय पुरुष टीम के डिफेंडर सुरेंद्र पालड़ कुरुक्षेत्र के शाहाबाद के रहने वाले हैं। वहां उनके पिता मलखान, माता नीलम और बड़ा भाई सुरेंद्र भी साथ रहते हैं। वीरवार को सुबह टीम इंडिया का जर्मनी से मुकाबला था। ब्राउंज के लिए मैच की शुरुआत से पहले ही पिता घर से कहीं चले गए और मां बाहर आकर कुर्सी में बैठ गई।
पड़ोसी भी देखकर दंग रह गए
मां को बाहर बैठा देख पड़ोसी भी दंग रह गए। पड़ोसियों ने जब वजह पूछी तो उन्होंने पहले तो कुछ नहीं बताया। इसके बाद टेंशन की वजह से बाहर आने का कारण बताया। मां लगातार भगवान से प्रार्थना करती रही। पड़ोसी बार-बार आकर स्कोर के बारे में बताते रहे।
जीत के बताते हुए हो गए थे सभी भावुक
जैसे ही टीम इंडिया ने लीड ली और आखिरी के 10 सेकेंड का मैच बचा तो पड़ोसी बाहर आ गए। सुरेंद्र की मां निर्मला को बताया कि ताई टीम जीत गई। इसे बताते वक्त पड़ोसियों की भी आंखों में आंसू आ गए। मां भी भावुक हो गई। कुछ ही पल में आसपास लोग झूमते दिखे।
शुरू हुआ उत्साह
जीत मिलते ही पड़ोसी सहित आसपास के लोग भी सुरेंद्र के घर पहुंच गए। वहीं रिश्तेदारों के भी लगातार फोन आते रहे। सड़क में बधाई देने वाला तांता लगा रहा।
कुरुक्षेत्र के ओलिंपियन सुरेंद्र कुमार पालड़ भी भारतीय पुरुष हाकी टीम का हिस्सा हैं। वह शुरू से ही बेहतर खेल का प्रदर्शन कर रहे हैं। सुरेंद्र कुमार पालड़ के पिता मलखान सिंह ने कहा कि ओलिंपिक में गए बेटे ने कहा था कि वह देश के लिए पदक लेकर लौटेंगे। उन्हें पूरा विश्वास था कि भारतीय हाकी टीम पदक लेकर लौटेगी। टीम ने आज अपना वायदा पूरा किया। बेशक गोल्ड से चूक गए, लेकिन 41 साल बाद पदक देश की झोली में डाल दिया।