टीम इंडिया के ओपनर केएल राहुल का कहना है कि 2018 में इंग्लैंड दौरे पर असफल रहने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि कठिन परिस्थितियों में शॉट पर नियंत्रण महत्वपूर्ण है और इससे उन्हें मौजूदा दौरे पर मदद मिल रही है। साथ हीं उन्होंने राहुल ने टेस्ट सीरीज़ से पहले तीन दिवसीय अभ्यास मैच में शतक बनाया था और पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मैच की पहली पारी में 84 रन बनाकर भारत को 95 रनों की बढ़त दिलाने में मदद की।
राहुल ने तीसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा, ‘मेरे मन में बहुत सारे विचार आते थे। मुझे लगता था कि मैं रेड बॉल क्रिकेट में हर गेंद पर दो या तीन अलग-अलग तरीके के शॉट खेल सकता हूं, इसलिए मुझे यह एहसास हुआ कि मुझे नियंत्रण करना सीखना होगा।’ 2018 इंग्लैंड दौरे पर, राहुल अपनी 10 टेस्ट पारियों में सिर्फ एक शतक बना सके थे और वह भी तब जब भारत सीरीज हार गया था। 149 की पारी से पहले उन्होंने 4, 13, 8, 10, 23, 36, 19, 0 और 37 का स्कोर किए थे।’
राहुल ने आगे कहा, ‘कभी-कभी जब शॉट लगाना मुश्किल हो जाता है या विकेट चुनौतीपूर्ण हो और गेंद स्विंग कर रही हो तब अच्छे गेंदबाजों के खिलाफ आपको कुछ शॉट्स रोकने पड़ते हैं। इन चीजों पर मैंने काम करने की कोशिश की। टेस्ट क्रिकेट में असफल रहने के दौरान मैं ये सब सीखने को मिला।’
राहुल ने यह भी कहा कि टीम के बाहर बैठकर उन्होंने दूसरे बल्लेबाजों से सीखा, जो रन बना रहे थे। उन्होंने कहा, ‘मुझे लाल गेंद से बहुत अधिक क्रिकेट खेलने को नहीं मिला है, लेकिन बाहर बैठकर, मैच देखना और बल्लेबाजों को रन बनाते देखना मेरे लिए काफी अच्छा था। किसी भी प्रारूप में शॉट्स का चयन महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि मैं क्रीज पर बहुत अनुशासन में दिखा और अपनी टीम को अच्छी शुरुआत दिलाकर अच्छी स्थिति में ला सका।’राहुल ने इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्राड की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘ यहां खेलना चुनौतीपूर्ण है। उनके पास विश्व स्तरीय गेंदबाजी आक्रमण है। जो क्रिकेट देखते हैं उन्हें पता है कि एंडरसन और ब्राड कितने कुशल गेंदबाज हैं और उन्होंने यह बार-बार दिया है। उनके खिलाफ खेलना चुनौतीपूर्ण।’