हरियाणा पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक के मास्टमाइंड का हुआ खुलासा, एक करोड़ में खरीदी थी आंसर की

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर एक करोड़ रुपये में खरीदा गया था। पेपर लीक गिरोह का मुख्य आरोपित हिसार निवासी नरेंद्र निकला और उसी ने पेपर की आंसर की एक करोड़ रुपये में खरीदी थी। परीक्षा से एक दिन पहले शाम को ही कैथल पहुंच कर उसने बालाजी डिफेंस एकेडमी के संचालक रमेश चंद्र थुआ को यह पेपर नोट करवा दिया था।

कैथल एसपी लोकेंद्र सिंह के इस खुलासे के बाद स्पष्ट है कि पेपर लीक प्रकरण की जड़ें बहुत गहरी हैं। इसमें अभी कई गिरफ्तारियां होंगी। नरेंद्र यह पेपर किससे खरीद कर लाया, वह किन-किन लोगों के संपर्क में था, इसकी पड़ताल के लिए उसे नौ दिन के रिमांड पर लिया गया है। पुलिस कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए आगे बढ़ रही है। एसपी लोकेंद्र सिंह ने बताया कि नरेंद्र ने बालाजी डिफेंस एकेडमी के संचालक रमेश चंद्र को दस लाख रुपये प्रति परीक्षार्थी के हिसाब से बेचा था। उसने आगे इसका रेट 12 से 18 लाख रुपये कर दिया। कुछ लोगों से उसने एडवांस चेक ले रखे थे। डील हुई थी कि अगर आंसर की सही निकल जाए तो चैक बैंक में लगा देंगे। चैक देने वाले इन लोगों को भी जांच में शामिल किया जाएगा। गिरोह के सदस्याें से अभी तक कोई राशि बरामद नहीं हुई है। नरेंद्र को कैथल पुलिस ने सिरसा से आठ अगस्त को गिरफ्तार किया था।

एक दिन पहले ही लीक किया था पेपर

पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर एक दिन पहले यानि छह अगस्त शाम छह बजे ही हिसार निवासी नरेंद्र के पास पहुंच गया था। इसी शाम वह अपनी गाड़ी से कैथल आया और यहां गांव थुआ जिला जींद निवासी रमेश चंद्र से मिला, जो करनाल रोड बाइपास चौक पर बालाजी डिफेंस एकेडमी के नाम से कोचिंग सेंटर चलाता है। पुलिस पूछताछ में रमेश ने माना है कि वह पहले भी कई भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक करवाता रहा है और नौकरी लगवा चुका है। इसमें क्लर्क और एयरफोर्स तक की भर्तियां शामिल हैं।

मोबाइल से मिले 20 से ज्यादा नाम

सात अगस्त को परीक्षा से पहले ही कैथल पुलिस ने तीन युवकों को एक स्विफ्ट कार में पकड़ा था, जो पेपर की आंसर की लिए हुए थे। उनके पास 100 में से 98 प्रश्नों की आंसर की थी, जोकि चारों सेट ए, बी, सी और डी के थे। इनसे तीन मोबाइल फोन भी बरामद हुए थे। इनकी जांच में 20 से ज्यादा परीक्षार्थियों के नाम हैं, जिनके एडमिट कार्ड वाट्सएप के जरिये लिए और आगे भेजे गए थे। कुछ लोगों को उन्होंने यह नोट भी करवाई थी। एसपी ने बताया कि कैथल पुलिस ने सोमवार को सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें तीन परीक्षार्थी हैं। राजेश नाम का एक युवक अंबाला से गिरफ्तार किया गया है, जो किसी अन्य युवक की जगह परीक्षा दे रहा था। ऐसे भी साक्ष्य मिले हैं, जिससे पता चला है कि यह गिरोह फर्जी परीक्षार्थी तैयार करके दूसरों की जगह पेपर दिलवाता था।

कैथल में सात और आरोपित गिरफ्तार

पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा का पेपर लीक करने के मामले में कैथल सीआइए-टू पुलिस ने सात और आरोपितों को गिरफ्तार किया है। अब तक कुल 13 आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं। रविवार देर रात को गिरफ्तार किए गए आरोपितों में गांव उचाना कलां निवासी अशोक, गांव उचाना खुर्द निवासी राजेश कुमार, जींद के थुआ गांव निवासी दीपक, इसी गांव का अनिल, गांव सेगा निवासी सुरेंद्र उर्फ बिट्टू, जींद के गांव धरौली खेड़ी निवासी राजबीर और उचाना कलां निवासी संदीप शामिल हैं।

रिश्तेदारों की नौकरी लगवाने को किया था रमेश से संपर्क

इनमें अनिल व दीपक सहित तीन परीक्षार्थी हैं, जिन्होंने रमेश से पेपर खरीदा था। जबकि अन्य चार आरोपितों ने अपने किसी रिश्तेदार या परिवार के सदस्य को नौकरी लगवाने के लिए बालाजी डिफेंस एकेडमी संचालक गांव थुआ निवासी रमेश से संपर्क किया था। सीआइए-1 पुलिस ने सात अगस्त को इस मामले में पहले दिन रमेश, संदीप, नवीन, गौतम, राजेश को गिरफ्तार किया था और रविवार को इस मामले से जुड़े हिसार निवासी नरेंद्र को सिरसा से गिरफ्तार किया था। रमेश, संदीप व नरेंद्र का नौ दिनों का रिमांड चल रहा है। कैथल पुलिस की एसआइटी इस मामले की जांच कर रही है, जिसका नेतृत्व डीएसपी विवेक चौधरी कर रहे हैं।