पाकिस्तान के कई शहर पिछले कई दिनों से पानी-पानी को मोहताज हो रहे हैं। कई शहरों में रहने वाले लोगों को जरूरत के हिसाब से पानी नहीं मिल पा रहा है। सरकार ने नेशनल असेंबली में इसको लेकर जो आंकड़े पेश किए हैं वो भी इसकी गवाही दे रहे हैं। पाकिस्तान के विज्ञान और तकनीकी मंत्री शिबली फराज ने सरकार की तरफ से सदन में ये आंकड़े पेश किए हैं। सरकार की तरफ से ये आंकड़े विपक्ष के उन सवालों के जवाब में पेश किए गए हैं जिसमें सरकार पर कई शहरों को पानी की उचित मात्रा मुहैया न करवाने का आरोप लगाया गया था। पानी की कमी देखते हुए विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि हालात नहीं सुधरे तो सूखे की भी स्थिति देश में आ सकती है।
विपक्ष के सवालों के जवाब में सरकार ने जो रिपोर्ट सदन में रखी है उसके मुताबिक 29 शहरों के अंडरग्राउंड वाटर की पाकिस्तान कांउसिल आफ रिसर्च आफ वाटर रिसोर्ससिज (PCRWR) द्वारा जांच की गई है। इस जांच की रिपोर्ट बेहद चौंकाने वाली है। इसमें कहा गया है कि जांच के दौरान 29 में से 20 शहरों में विभिन्न स्रोतों से लिए गए करीब 50 फीसद पानी के नमूनों को इस्तेमाल के काबिल नहीं पाया गया है। पीसीआरडब्ल्यूआर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश के तीन शहर जिसमें सिंध और गिलगिट के मीरपुरखास, शहीद बेनजीरबाद (नवाबशाह) शामिल है, में सौ फीसद पानी पीने के लिए असुरक्षित है। इसके अलावा सियालकोट के करीब नौ स्रोतों से लिए गए पानी के नमूने पीने के लिहाज से पूरी तरह से सुरक्षित पाए गए हैं।
नेशनल हेल्थ सर्विस संसदीय सचिव डाक्टर नौशीन हामिद ने कहा है कि पाकिस्तान प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता करीब 400 फीसद तक नीचे जा चुकी है। डान अखबर ने हामिद के हवाले से लिखा है कि ये बेहद चिंता का विषय है। हामिद ने एक वेबीनार में ये बात कही है। गौरतलब है कि पाकिस्तान दुनिया में पांचवां सबसे घनी आबादी वाला देश है। उन्होंने ये भी कहा है कि पानी की गंभीर चिंता का कारण बनी हुई है। वर्ष 2025 में ये संकट और अधिक गंभीर बन जाएगा और इस्तेमाल होने वाला पानी भी बहुत सीमित हो जाएगी। उन्होंने पानी के साथ खाद्य पदार्थों की कमी को भी बड़ी चिंता करार दिया है।
जियो न्यूज के हवाले से एएनआई ने बताया है कि पाकिस्तान के विशेषज्ञों ने पानी की कमी को देखते हुए सूखे जैसी स्थिति की चेतावनी दी है। इन विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इस संकट को समय रहते नहीं सुलझाया गया तो हालात बेकाबू हो सकते हैं। बारिश की कमी की वजह से नदियों के जलस्तर में भी चिंताजनक रूप से गिरावट आई है। इस हालात ने यहां पर खतरे की घंटी बजा दी है। कई जगहों पर नदियों का पानी सूख गया है।
विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि यदि नए जलाशयों का निर्माण नहीं किया जाता है और पानी की बर्बादी को नहीं रोका जा सकता है तो पाकिस्तान को सूखे की समस्या को झेलना होगा। मार्च में एक अमेरिकी मैगजीन ने बताया था कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान को पानी की कमी के चलते हुई समस्या वाले देशों की सूची में तीसरे स्थान पर रखा है।