लोकसभा में मंगलवार को जारी विपक्ष के हंगामे पर क्षुब्ध सदन के अध्यक्ष ओम बिरला ने नारेबाजी करने वाले विपक्ष को उनके कर्तव्यों की याद दिलाई। उन्होंने कहा, ‘आपको तख्तियां और नारेबाजी के लिए सदन में नहीं भेजा गया है बल्कि गरीब, वंचित, दलित, आदिवासी लोगों की समस्याओं को उठाने के लिए सदन में भेजा गया है।’ प्रश्नकाल के दौरान नारेबाजी करने वाले विपक्ष के सांसदों से सभापति ने कहा, ‘प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय है। आप अपने स्थान पर जाएं। आप सदन नहीं चलाना चाहते, यह उचित नहीं है।’ बता दें कि सोमवार को भी चार बार सदन स्थगित किया गया था।
आज 11 बजे सदन में कार्यवाही की शुरुआत होते ही पेगासस, कृषि कानून आदि मुद्दों को लेकर विपक्ष के नेता हंंगामा करने लगे। यहां तक कि वेल में पहुंच सभी ने नारेबाजी तक की। हंगामे के कारण तुरंत सदन को एक घंटे के लिए रोकना पड़ा। अध्यक्ष ने उन्हें समझाने की हर संभव कोशिश की लेकिन विपक्ष ने अनसुना कर दिया। 19 जुलाई से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र का यह आखिरी सप्ताह है। 13 अगस्त शुक्रवार को अंतिम दिन होगा लेकिन अब तक विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों के हंगामे ने दोनों सदनों की कार्यवाही को बुरी तरह से बाधित किया है। हंगामे के बीच कुछ विधेयकों को पारित करने में सफलता मिली है।