देश की राजधानी दिल्ली में स्कूलों को खोले जाने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस बाबत 12वीं के एक छात्र ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर देशभर में स्कूल खोले जाने की मांग की है। दिल्ली के रहने वाले अमर प्रेम प्रकाश ने याचिका में कहा है कि कोर्ट केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दे कि वे तय समय में अपने यहां स्कूल खोलने और आफलाइन फिजिकल पढ़ाई कराने के बारे में विचार कर निर्णय लें।
अमर प्रेम प्रकाश ने अपनी याचिका में केंद्र सरकार व सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को पक्षकार बनाया है। उसने कहा है कि केंद्र सरकार, विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों में स्कूल खोलने को लेकर अनिर्णय की स्थिति के चलते उसे सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करनी पड़ी है। याचिका में संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता), अनुच्छेद 21 (जीवन और स्वतंत्रता) तथा अनुच्छेद 21ए (शिक्षा) के अधिकार की दुहाई देते हुए कहा गया है कि कोर्ट सरकार को आदेश दे कि वे स्कूल खोलने के बारे में समग्रता के साथ शीघ्र निर्णय लें।
याचिकाकर्ता अमर प्रेम प्रकाश ने कहा है कि वह दिल्ली के एक स्कूल में 12वीं का छात्र है। उसने 20 मार्च, 2020 को रेगुलर स्कूल अटेंड किया था। उसके बाद कोरोना संक्रमण के कारण देशभर में लाकडाउन लग गया और सभी स्कूल बंद हो गए। इसके बाद कक्षाएं आनलाइन शुरू हो गईं। महामारी की स्थिति ठीक होने के बाद दिल्ली में मार्च 2021 में कुछ दिनों के लिए स्कूल खुले थे। उसके बाद कोरोना की दूसरी लहर आ गई और अप्रैल के पहले सप्ताह में स्कूल बंद हो गए।
कहा गया है कि इस बीच जनवरी 2021 से कोरोना का टीकाकरण शुरू हो गया और धीरे-धीरे इसने रफ्तार पकड़ ली। जून, जुलाई में धीरे-धीरे लाकडाउन में ढील जी जाने लगी। कोरोना से बचाव के उपायों के साथ स्पोर्ट्स सेंटर और जिम समेत बहुत से सार्वजनिक स्थल खोल दिए गए, लेकिन स्कूल खोलने के बारे में कोई फैसला नहीं हुआ। कुछ राज्यों ने अपने यहां स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। लेकिन ज्यादातर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अभी तक स्कूल खोलने के बारे में कोई फैसला नहीं किया है।
केंद्रीय विद्यालय भी नहीं खुले हैं। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, जिसका उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। याचिकाकर्ता और अन्य बहुत से छात्रों को आनलाइन पढ़ाई में कई दिक्कतें हैं। विशेषतौर से यह उसका स्कूल का अंतिम वर्ष है, वह 12वीं का छात्र है। आनलाइन पढ़ाई और आनलाइन टेस्ट बहुत अच्छे और प्रभावी नहीं होते। इसमें ध्यान लगाने और इंटरनेट कनेक्टिविटी की दिक्कत रहती है। यह अच्छा विकल्प नहीं है। इसे सिर्फ थोड़े समय के लिए अपनाया जा सकता है। बहुत बड़ा वर्ग ऐसा है, जिसके पास आनलाइन पढ़ाई के साधन नहीं हैं।