अफगान हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण फ्लाइट ऑपरेट नहीं कर सकेंगे: एयर इंडिया

अफगानिस्तान में जारी उथल-पुथल के बीच, राष्ट्रीय वाहक एयर इंडिया की काबुल जाने वाली उड़ान की समय में बदलाव किया गया है। बताया गया कि काबुल जाने वाली सुबह की उड़ान से अब दोपहर को उड़ान भरेगी। जबकि उड़ान कर्मचारियों के साथ दो विमान निकासी के लिए स्टैंडबाय पर रखे गए हैं। एयर इंडिया के एक अधिकारी ने एएनआइ को बताया, ‘काबुल में मौजूदा स्थिति के कारण एयर इंडिया की उड़ान को काबुल के लिए सुबह 8:30 बजे की बजाय 12:30 बजे के लिए पुनर्निर्धारित किया गया है।’ बता दें कि अफगानिस्तान में जारी उथल-पुथल के कारण काबुल के हामिद करजई इंटरनेशनल (HKI) हवाई अड्डे पर दुनिया भर से उड़ान संचालन प्रभावित है।

वहीं, भारत सरकार द्वारा एयर इंडिया को काबुल निकासी के लिए दो विमानों को स्टैंडबाय पर रखने के लिए कहा गया है। सरकारी अधिकारी ने एएनआइ को बताया, ‘फ्लाइट क्रू के साथ दो विमान काबुल निकासी के लिए स्टैंडबाय पर हैं। सरकार स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है।’

सूत्रों ने यह भी जानकारी दी कि शहर में जारी हिंसा के कारण काबुल हवाईअड्डे का रास्ता रात से ही अवरुद्ध रहा। सूत्रों ने एएनआइ को बताया, ‘यात्रियों, साथ ही एयरलाइन कर्मचारियों को हवाई अड्डे तक पहुंचने के लिए गंभीर और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है।’

एयरलाइन कर्मचारियों के साथ संचार भी चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि शहरों के कई हिस्सों में मोबाइल नेटवर्क चालू नहीं है। बता दें कि एयर इंडिया काबुल के लिए प्रतिदिन एक उड़ान संचालित करती है और एयरलाइन के पास उसके लिए अग्रिम बुकिंग है। विदेश मंत्रालय (MEA), नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) और एयर इंडिया संपर्क में हैं और अफगानिस्तान में स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं।

इससे पहले, एयर इंडिया पायलट एसोसिएशन (आईसीपीए) के महासचिव कैप्टन टी प्रवीण कीर्ति ने नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को काबुल (अफगानिस्तान) से भारतीयों और अन्य लोगों को निकालने के संबंध में एक पत्र लिखा था।

वहीं, यूएई, फ्लाई दुबई ने देश में संघर्ष के कारण काबुल के लिए अपनी सेवाएं निलंबित कर दी और ब्रिटिश एयरवेज ने अपने सभी पायलटों को देश में अनिश्चित परिस्थितियों के कारण अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र से बचने का आदेश दिया है। तालिबान आतंकवादी अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर नियंत्रण कर चुके हैं और देश के राष्ट्रपति अशरफ गनी के ताजिकिस्तान भाग जाने के बाद राष्ट्रपति भवन पर भी कब्जा कर लिया गया है।

रिपोर्टों से पता चलता है कि आंदोलन जल्द ही अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात की पुन: स्थापना की घोषणा करेगा।