लोकायुक्त की जांच में प्रतापगढ़ के बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अमित कुमार शिक्षकों के तबादलों में हेराफेरी के दोषी मिले हैं। उन्होंने महोबा में बीएसए के पद पर रहते हुए डीएम व सीडीओ की ओर से अनुमोदित स्थानांतरण सूची में गड़बड़ी करके शिक्षकों को बेजा लाभ दिलाया। शासन ने उन्हें तत्काल प्रभाव से प्रतापगढ़ बीएसए पद से हटाकर शिक्षा निदेशक बेसिक कार्यालय लखनऊ से अगले आदेश तक संबद्ध कर दिया है। उनके विरुद्ध अनुशासनिक जांच भी होगी।
जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी व बेसिक शिक्षा अधिकारी महोबा की ओर से अनुमोदित सूची में तत्कालीन बीएसए महोबा ने व्यक्तिगत हित में अनधिकृत तरीके से दो नए शिक्षकों के नाम स्थानांतरण सूची में जोड़ दिए थे। स्थानांतरण सूची के अंतिम पृष्ठ पर क्रम संख्या 19 को ओवरराइटिंग करके 21 कर दिया गया। रामभगत सहायक अध्यापक उच्च प्राथमिक विद्यालय खन्ना विकासखंड कबरई का तबादला उच्च प्राथमिक स्कूल सिरसीखुर्द विकासखंड कबरई में कर दिया गया, इसी आदेश संख्या पर शिक्षिका रचना देवी का तबादला प्राथमिक विद्यालय किशोरगंज विकासखंड जैतपुर से पूर्व माध्यमिक विद्यालय बीजानगर विकासखंड कबरई करने की भी अनियमितता की गई। बेसिक शिक्षा सचिव अनामिका सिंह ने बताया कि बीएसए प्रतापगढ़ को महोबा का बीएसए रहते हुए गड़बड़ी करने का प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है। उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की संस्तुति की गई है। संयुक्त शिक्षा निदेशक चित्रकूट मंडल को जांच अधिकारी बनाया गया है। बीएसए को आरोप पत्र अलग से दिया जाएगा।
अब जिगित्सा चलाएगी एएलएस की एंबुलेंस: प्रदेश में एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम (एएलएस) की 250 एंबुलेंस चलाने का जिम्मा जिगित्सा हेल्थ केयर को सौंप दिया गया है। मंगलवार से कंपनी इस एंबुलेंस सेवा की कमान संभालेगी। अभी तक जीवीकेईएमआरआइ कंपनी द्वारा एएलएस की एंबुलेंस सेवा का भी संचालन किया जा रहा था। अब जीवीकेईएमआरआइ के पास 102 व 108 एंबुलेंस सेवा के संचालन का जिम्मा रहेगा।
50 एएलएस एंबुलेंस चलाने के लिए करीब एक हजार कर्मियों की भर्ती की गई है। प्रत्येक एंबुलेंस के लिए दो ड्राइवर व दो इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन रखे गए हैं। यह दो शिफ्ट में 12-12 घंटे की ड्यूटी करेंगे। मालूम हो कि एएलएस के एंबुलेंस कर्मियों ने जिगित्सा हेल्थ केयर द्वारा कम वेतन दिए जाने का आरोप लगाकर बीती 25 जुलाई को हड़ताल कर दी थी, जिसे लेकर काफी हंगामा हुआ था। फिर इन्हें श्रम कानून के अनुसार वेतन देने पर सहमति बनी थी।