बदल सकता है हरियाणा की तेज तर्रार आइपीएस भारती अरोड़ा के वीआरएस का फैसला, श्रीकृष्‍ण भक्ति की वजह से लिया था निर्णय

अंबाला रेंज की आइजी भारती अरोड़ा का वालंटियर रिटायरमेंट स्कीम (वीआरएस) लेने का फैसला बदल सकता है। एक अगस्त 2021 से वीआरएस मांगने पर प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज और गृह सचिव राजीव अरोड़ा ने उनको पत्र लिखकर वीआरएस पर पुनर्विचार को कहा था। बता दें कि श्रीकृष्‍ण भक्ति के लिए आइपीएस भारती अरोड़ा ने वीआरएस लेने का फैसला लिया।

यह पहला मामला है, जब कोई आइपीएस अधिकारी वीआरएस के लिए आवेदन कर चुका है और उन्हेंं बेहतर अधिकारी बताते हुए इस पर दोबारा विचार करने के लिए कहा है। प्रदेश के मुख्य सचिव विजयवर्धन ने भी आइपीएस अधिकारी की एनुअल कानफिडेंशियल रिपोर्ट (एसीआर) में दस में से दस नंबर दिए हैं। प्रदेश की वे पहली महिला आइपीएस अधिकारी हैं, जिनकी एसीआर में दस में से दस नंबर हैं। उल्लेखनीय है कि भारती अरोड़ा ने प्रभु भक्ति की बात कहते हुए वीआरएस के लिए आवेदन किया था।

बता दें कि 25 जुलाई को आइपीएस अधिकारी भारती अरोड़ा ने वीआरएस के लिए आवेदन कर दिया था। तीन माह के नोटिस पीरियड से भी उन्होंने छूट की मांग की थी। एक अगस्त को रिलीव करने की बात कही गई थी। इसी फाइल पर नोटिंग करते हुए राज्य के गृह मंत्री अनिल विज ने राज्य के गृह सचिव को पत्र लिखकर आइपीएस अधिकारी को अपनी वीआरएस पर पुनर्विचार करने के लिए लेटर लिखने को कहा था। इसी बीच डीजीपी रहे मनोज यादव ने आइपीएस अधिकारी को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन मामले के बारे में स्टेटस पूछा था। जिस एनडीपीएस मामले में स्टेटस पूछा गया, उस मामले की पुलिस मुख्यालय ही करीब चौदह साल पहले जांच करवा चुका है।

आइपीएस को बताया बेहतरीन अधिकारी

एसीआर में आइपीएस भारती अरोड़ा को दस में से दस नंबर मिले हैं। इस में कहा गया है कि भारती अरोड़ा आइजी करनाल भी रही हैं। इस दौरान उनका कार्य बेहतरीन रहा है। वे एक ईमानदार अधिकारी हैं। समाज के कमजोर तबके के प्रति उनकी सहानुभूति रही है। भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी जीरो टालरेंस नीति रही है। कार्य के अत्यधिक दबाव में भी उन्होंने धैर्य से काम लेते हुए अपने कर्तव्य का निर्वहन किया है। वे राज्य सरकार व पुलिस विभाग का गर्व हैं।

भारती अरोड़ा पर दर्ज नहीं है कोई भी मुकदमा

कुरुक्षेत्र में एसपी रहते हुए आइपीएस भारती अरोड़ा के कार्यकाल में एनडीपीएस के मामले में एक आरोपित को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले की पुलिस द्वारा दोबारा जांच की गई तो गिरफ्तार किए गए आरोपित को बेकसूर पाया गया, जबकि पुलिस ने तीनों अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पहले गिरफ्तार किए गए आरोपित को डिस्चार्ज करने के लिए अर्जी लगा दी थी। कुरुक्षेत्र की कोर्ट ने तीनों आरोपितों को बरी कर दिया था, जबकि जिसे पुलिस डिस्चार्ज करवाना चाह रही थी उसे सजा दे दी थी। कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस फैसले को चुनौती दी थी। उधर, जिस आरोपित को सजा दी गई थी, उसने भी सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील कर दी थी। मामला अभी भी हाईकोर्ट में ही विचाराधीन है। इसी मामले में कुरुक्षेत्र की कोर्ट ने डीएसपी, जांच अधिकारी और एसपी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। यह मामला हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट में गया, जो विचाराधीन है। आइपीएस भारती अरोड़ा के खिलाफ कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया।