Sawan Pradosh Vrat 2021: सुख, शांति और सौभाग्य के लिए महत्वपूर्ण है शुक्र प्रदोष व्रत, होगी शिव कृपा

सावन मास का आखिरी प्रदोष व्रत आ रहा है। यह शुक्रवार के दिन पड़ रहा है, इसलिए यह शुक्र प्रदोष व्रत है। प्रदोष व्रत हर मास में दो बार आता है। हर पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होता है। दिन आ​धारित प्रदोष व्रत के अलग अलग महत्व होते हैं। सावन मास का आखिरी प्रदोष व्रत 20 अगस्त दिन शुक्रवार को है। इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से दाम्पत्य जीवन खुशहाल होता है। इसके साथ ही शिव कृपा से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने तथा इसके लाभ को प्राप्त करने से चूकना नहीं चाहिए। वैसे भी सावन के प्रदोष व्रत का महत्व अपने आप में विशेष है।

सावन प्रदोष व्रत 2021 तिथि

19 अगस्त को देर रात 12 बजकर 24 मिनट से त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ होगा, जो 20 अगस्त को रात 10 बजकर 20 मिनट तक रहेगी।

शिव पूजा मुहूर्त

सावन के शुक्र प्रदोष व्रत के दिन आपको भगवान शिव की प्रदोष पूजा के लिए 02 घंटे 17 मिनट का समय प्राप्त होगा। इस दिन आप शाम को 06 बजकर 40 मिनट से रात 08 बजकर 57 मिनट तक भगवान शिव की आराधना कर सकते हैं। हालांकि सावन माह में शिव पूजा के लिए कोई मुहूर्त नहीं देखा जाता है क्योंकि इस माह में हर दिन पावन होता है।

सावन प्रदोष व्रत का महत्व

प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को भगवान शिव की कृपा से आरोग्य, अभय, सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है। विशेषकर शनि प्रदोष व्रत करने से संतान सुख का आशीष मिलता है।