कोरोना महामारी से बचाव के लिए अभी तक दुनिया भर में एकमात्र कोविड-19 वैक्सीन को ही पूरी तरह मान्यता दी गई है। लेकिन भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) का कहना है कि वायरस का डेल्टा वैरिएंट वैक्सीन लेने के बाद भी लोगों को संक्रमित कर सकता है। चेन्नई में ICMR ने एक अध्ययन किया जिसके नतीजे में इस बात का खुलासा हुआ है। अध्ययन के अनुसार यह वैरिएंट बगैर वैक्सीन लिए लोगों को तो अपने चपेट में लेगा ही साथ ही वैक्सीन की पर्याप्त खुराक ले चुके लोग भी इससे सुरक्षित नहीं हैं। हालांकि अध्ययन में इस बात पर जोर दिया गया है कि इससे संक्रमित वैक्सीनेटेड लोगों की मृत्यु का जोखिम कम है।
इस बीच भारत में SARS-CoV-2 टेस्टिंग का आंकड़ा 50 करोड़ हो गया। ICMR ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी और परिषद के लिए काम करने वाले स्टाफ, सहयोगी लैबोरेट्री, केंद्र व राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली मदद का भी जिक्र किया।
ICMR के इस अध्ययन की रिपोर्ट के मुताबिक वैक्सीन ले चुके समूह में किसी की मौत नहीं हुई जबकि तीन वैसे संक्रमितों की मौत हुई जिन्होंने वैक्सीन की पर्याप्त डोज नहीं ली थी और सात ऐसे संक्रमितों की मौत हुई जिन्होंने वैक्सीन ली ही नहीं थी। इस अध्ययन में वैक्सीन ले चुके समूह में से 354 लोगों को लिया गया जिसमें से 241 ने वैक्सीन की एक डोज ली थी और 113 लोगों ने दोनों डोज ले लिया था। बगैर वैक्सीन लेने वालों में से 185 लोगों पर यह अध्ययन किया गया।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार अमेरिका और ब्रिटेन में भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें डेल्टा संक्रमण से बचाव में वैक्सीन कारगर नहीं साबित हो रहे हैं। ICMR द्वारा किए गए इस अध्ययन के नतीजे 17 अगस्त को जर्नल ऑफ इंस्पेक्शन में प्रकाशित की गई। इसके अनुसार डेल्टा (B.1.617.2) वैरिएंट वैक्सीन ले चुके और बगैर वैक्सीन लेने वाले लोगों के दोनों समूहों में संक्रमण फैला रहा है। भारत में महामारी की दूसरी लहर का कारण डेल्टा वैरिएंट ही था। ICMR की इस अध्ययन के नतीजे में कई और रिसर्च का जिक्र है जिसमें कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन लेने वालों में भी इस वैरिएंट के कारण एंटीबडी क्षीण होने के बात कही गई है।