Digital Gold vs Physical Gold: जानें क्या है गोल्ड खरीदने का सबसे बेहतर जरिया

कमोडिटी में निवेश करने वाले निवेशकों को सोना हमेशा से ही लुभाता रहा है। निवेश करने के मामले में सोने को एक सुरक्षित ठिकाना माना जाता है और इस कीमती धातु में निवेश करने के कई तरीके उपलब्ध हैं, जिसमें डिजिटल गोल्ड और फिजिकल गोल्ड दोनों में निवेश करना शामिल है। विशेषज्ञों के अनुसार गोल्ड लंबी अवधि का रिटर्न भी देता है और ओवरऑल पोर्टफोलियो में सुधार भी करता है। साथ ही बिना क्रेडिट जोखिम के लिक्विडिटी का लाभ भी प्रदान करता है। सोने में निवेश करने के लिए डिजिटल गोल्ड में निवेश करना फिजिकल गोल्ड के मुकाबले एक अच्छा विकल्प है और इस पीली धातु में निवेश करने का सबसे कुशल और लागत प्रभावी तरीका साबित हुआ है। आइये जानते हैं फिजिकल और डिजिटल गोल्ड में निवेश के फायदे और नुकसान के बारे में।

स्टोरेज

डिजिटल गोल्ड में निवेश करते समय कोई भी स्टोरेज या वहन लागत नहीं चुकानी पड़ती है। निवेशकों को सोने की सुरक्षा के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं होती है क्योंकि इसे ट्रेडिंग कंपनियों द्वारा सुरक्षित तिजोरी में रखा जाता है। वहीं अगर फिजिकल गोल्ड की बात की जाए तो इसके स्टोरेज में अधिक जोखिम होता है। फिजिकल गोल्ड को सुरक्षित रखने के लिए लॉकर किराए पर लेना पड़ता है या बीमा कवर लेना पड़ता है। बैंक, निवेशकों को लॉकर अलॉट करने की शर्त के रूप में Fixed Deposit (FD) में निवेश करने के लिए कहते हैं, जिससे गोल्ड स्टोर करने की लागत बढ़ जाती है।

इंवेस्टमेंट

डिजिटल गोल्ड में, कम मात्रा में निवेश किया जा सकता है क्योंकि इसके तहत सोना खरीदने की कोई न्यूनतम सीमा नहीं है। निवेशक वजन या निश्चित मूल्य के हिसाब से सोना खरीद और बेच सकते हैं। वहीं अगर फिजिकल गोल्ड की बात करें तो यह सोने के बिस्कुट या 10 ग्राम के सिक्के के रूप में उपलब्ध होता है। हालांकि, निवेशक सीधे तौर पर डिजिटल गोल्ड में निवेश नहीं कर सकते हैं। डिजिटल गोल्ड में निवेश करने के लिए निवेशकों को अधिकृत थर्ड पार्टी से संपर्क करना होता है। जब निवेशक डिजिटल गोल्ड के लिए ऑर्डर देते हैं और अपनी ओर से उसे तिजोरी में रखते हैं, तो एजेंट निवेशक के लिए उतनी ही मात्रा में सोना खरीदते हैं। डिजिटल गोल्ड होल्डिंग्स को बेचने के लिए भी यही प्रक्रिया अपनाई जाती है। एजेंट मार्केट वैल्यू पर सोना बेचता है और प्राप्त हुई राशि को निवेशक के खाते में जमा करता है।

क्वालिटी

डिजिटल गोल्ड में निवेश करते समय सोने की क्वालिटी के बारे में चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। डिजिटल गोल्ड में निवेश करते वक्त 24 कैरेट गोल्ड को ही प्रोसेस किया जाता है। जबकि फिजिकल गोल्ड में निवेश करते वक्त आपको यह सुनिश्चित करना होता है कि आपका सोना पूरी तरह से शुद्ध है या नहीं।

टैक्स

तीन साल से कम समय के लिए गोल्ड के निवेश पर होने वाले लाभ पर निवेशक को आयकर स्लैब अनुसार टैक्स देना होता है। तीन साल से अधिक की निवेश विदहोल्डिंग अवधि के लिए, निवेशक को इंडेक्सेशन लाभ के साथ 20 फीसद टैक्स देना होता है। वहीं डिजिटल गोल्ड पर, तीन साल से कम समय के लिए निवेश किए गए सोने से होने वाले लाभ पर निवेशक की आयकर स्लैब के अनुसार कर लगता है। तीन साल से अधिक की निवेश विदहोल्डिंग अवधि के लिए, इंडेक्सेशन लाभ के साथ 20 फीसद कर देना होता है।