दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के चुनाव का परिणाम बुधवार दोपहर तक आ जाएगा। मतों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि पांच राउंट में सभी मतों की गिनती पूरी की जाएगी और सुबह दस बजे के बाद मतों की गिनती के रुझान सामने आने लगे हैं। शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) और शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (बादल) के साथ जागो पार्टी भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराती नजर आ रही है।
DSGMC Elections 2021 Result LIVE:
46 में से 22 सीटों के रुझान इस तरह हैं
- शिरोमणि अकाली दल बादल-15 पर आगे
- शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना)- चार पर आगे
- जागो-दो पर आगे
- अन्य-एक पर आगे
- शिअद बादल के प्रदेश अध्यक्ष हरमीत सिंह कालकाजी से लगातार आगे चल रहे हैं
- रोहिणी से शिरोमणि अकाली दल बादल का उम्मीदवार आगे।
- हरि नगर वार्ड से शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) का उम्मीदवार आगे।
- पहले राउंड के बाद मालवीय नगर से शिअद दिल्ली (सरना) का उम्मीदवार आगे।
- पहले राउंड के बाद ग्रेटर कैलाश से जागो के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके आगे चल रहे हैं।
- बताया जा रहा है कि बुधवार दोपहर बाद ढाई बजे तक चुनाव परिणाम घोषित होने की उम्मीद है। स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, प्रत्येक मतगणना केंद्र पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। मतगणना की वीडियोग्राफी कराई जाएगी जिससे कि किसी तरह का विवाद न हो।
उम्मीदवारों के साथ ही संगत को भी इसके परिणाम का इंतजार है। बुधवार को सीसीटीवी कैमरों की निगरानी के बीच मतों की गिनती होगी। दोपहर बाद तक सभी 46 सीटों के चुनाव परिणाम घोषित होने की उम्मीद की जा रही है। शिरोमणि अकाली दल बादल (शिअद बादल), शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) और जग आसरा गुरु ओट (जागो) के बीच मुख्य मुकाबला है। डीएसजीएमसी की सत्ता हासिल करने के लिए किसी भी पार्टी को कम से कम 24 सीटों पर जीत हासिल करनी होगी।
- मतों की गिनती के लिए पांच मतगणना केंद्र बने
गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय की तरफ से मतगणना की तैयारी पूरी कर ली गई है। मत पेटी सुरक्षित तरीके से स्ट्रांग रूम में रखे गए हैं। मतों की गिनती के लिए कुल पांच मतगणना केंद्र आइटीआइ तिलकनगर, आइटीआइ खिचड़ीपुर, बीटीसी पूसा, आर्य भट पोलिटेक्नीक, आइटीआइ (महिला) विवेक विहार में बनाए गए हैं।
सीटों की गिनती के लिए लगे हैं तीन टेबल
- मतों की गिनती के लिए गुरुद्वारा निदेशालय द्वारा 552 कर्मचारियों की तैनाती की गई है। प्रत्येक सीट के मतों की गिनती के लिए तीन टेबल लगाए जाएंगे। प्रत्येक टेबल पर तीन कर्मचारी तैनात रहेंगे। सभी उम्मीदवारों के प्रतिनिधि भी वहां उपस्थित रहेंगे। इस बार 132 निर्दलीय सहित 312 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है।
प्रत्येक चार वर्ष पर होता है चुनाव
नियम के अनुसार प्रत्येक चार वर्षों में डीएसजीपीसी के चुनाव होने चाहिए। लेकिन, किसी न किसी कारणवश इसमें विलंब भी होता रहा है। पहला चुनाव 1974 में और दूसरा 1979 में हुए लेकिन, उसके बाद 1995 में चुनाव हुआ। वर्ष 2002, वर्ष 2007, वर्ष 2013 व वर्ष 2017 में भी चुनाव हुए।
- दिल्ली सरकार ने वर्ष 2010 में दिल्ली गुरुद्वारा एक्ट 1971 के नियम-14 में बदलाव किया था। संशोधित नियम के मुताबिक सिर्फ सोसाइटी एक्ट के तहत पंजीकृत पार्टियां ही डीएसजीपीसी चुनाव लड़ सकती है। चुनाव लड़ने वाली पार्टी का पंजीकरण कम से एक वर्ष पुराना होना चाहिए।